नदी अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित रैली फॉर रिवर्स के कार्यक्रम में नदियों को बचाने की मुहिम पर बात की। उन्होंने कहा कि इस अभियान को शाशन के सहयोग के लिए आश्वस्त करता हूं। नदी अभियान मात्र नारा नहीं या जुमला नहीं है, यह मानवीय सृष्टि को बचाने का वृहद यज्ञ है। इसमें साशन के स्तर पर नहीं जनभागीदारी आवश्यक है। प्रयागराज कुम्भ की बात कार्टर हुए उन्होंने कहा कि पुराणों में जिस सरस्वती का उल्लेख मिलता है वो अस्तित्व में नहीं है।
सदगुरु ने कहा की हमें आने वाली पीढ़ी को 50 साल पहले का प्लानेट यानी धरती देनी होगी। आजादी के वाद 50 साल तक हम सर्वाइवल के मोड़ में थे। बाद के 20 सालों में हमने विकास किया। इन्हीं 20 सालों में सारी गड़बड़ी हुई है। किसने गलती की यह देखने की जरुरत नहीं है। बस अब आगे बढ़कर उस गलती को सही करना है। इसे ठीक करने के लिए वैज्ञानिक पहल करनी होगी। आज के बच्चे कहते हैं की हम सेल्फ़ी युग के हैं। उन्होंने कहा हम लोग सेल्फिश युग के हैं। 25 साल बाद नदियों का स्वरूप बदल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये एक चुनौती है जीव सृष्टि के लिए यह वैज्ञानिक सोच से पैदा हुई है। वैज्ञानिक सोच जो अपने तृक सीमित कर रहा है। उसने मैं ओर मेरा तृक सीमित कर दिया है। उसका ही यह दुष्परिणाम है। गोमती नाले में तब्दील हो गई है। दिल्ही में यमुना और कानपुर में गंगा का ये हाल है। इससे ये पता चलता है कि हम अपने प्रतीकों के प्रति कैसा भाव रखते हैं।
मुझे प्रसन्ता है कि हमारी सरकार ने आते ही गोमती के 36 नालों को टैब करने के साथ उसके पानी को सुद करने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। अन्य नदियों पर भी काम शुरू हुए है। पेड़ लगाने ओर इको टूरिज्म के योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने नदी अभियान की टीम को बधाई दी।