बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार की रात को छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में बनारस के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट में उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन को लापरवाही का दोषी ठहराया है. कमिश्नर ने जांच के दौरान वाइस चांसलर और पीड़ित लड़की समेत 12 लोगों के बयान लिए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को गलत तरीके से हैंडल किया और वक्त रहते इसका हल नहीं निकाला. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वक्त रहते इस मामले को सुलझा लिया गया होता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता. रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था.
बीएचयू में छात्राओं से बदसलूकी और फिर विरोध करने पर लाठीचार्ज के मामले में सवालों से घिरे वीसी फिर अपने गैर-जिम्मेदाराना बयानों को लेकर सवालों में हैं. NDTV इंडिया के कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ में रवीश कुमार से बातचीत में बीएचयू के वीसी ने छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में बेतुकी दलील दी. वीसी ने कहा कि छेड़खानी सिर्फ हमारी यूनिवर्सिटी में ही नहीं, देश भर में होती है. पीएम के दौरे से एक दिन पहले जान-बूझकर ये घटना करवाई गई. वीसी यहीं नहीं रुके.
उन्होंने यह भी कहा कि जब सब मिल कर राम रहीम की शिष्या हनीप्रीत को नहीं पकड़ पा रहे हैं तो छेड़छाड़ के आरोपी को पकड़ना आसान नहीं.