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प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के सामने टिकट के दावेदार आपस में उलझे…

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ऊना : प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील शिंदे के सामने एकजुटता दिखाने के बजाय नेताओं ने टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन कर डाला। टिकट के दावेदार और उनके समर्थक आपस में उलझ गए। हालात यहां तक पहुंच गए कि प्रदेश प्रभारी तक का सम्मान करना भूल गए। मामला बिगड़ता देख कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू को खुद मंच पर खड़े होकर उन्हें समझाना पड़ा लेकिन उनकी बात को भी अनसुना कर दिया। इस पर सुक्खू भी तिलमिला गए और गुस्से में आकर उन्होंने चेतावनी दे डाली कि अगर समर्थकों ने नारेबाजी बंद नहीं की तो उनके नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता करने पर कार्रवाई की जाएगी। इससे मामला शांत तो हुआ लेकिन पूरे कार्यक्रम में टिकट के दावेदारों ने अपने दबदबे के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील शिंदे का ऊना में यह पहला दौरा था। तीन दिन पहले ही कार्यक्रम तय हुआ था। ऐसे में टिकट की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं ने अलग-अलग स्वागत कार्यक्रम तय कर दिए लेकिन मंगलवार को मामला उस समय बिगड़ा, जब ऊना में एमसी पार्क के समीप आयोजित जनसभा में उनके पहुंचते ही अभिनंदन से अधिक नेताओं ने अपनी ब्रांडिंग पर जोर दे डाला।

प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व प्रत्याशी सतपाल रायजादा समर्थकों के साथ प्रदेश प्रभारी के साथ थे लेकिन स्थिति उस समय बिगड़ गई जब दूसरी ओर एनएसयूआइ के प्रदेशाध्यक्ष करुण शर्मा के समर्थक भी नारेबाजी करने लगे। दोनों ओर से इतनी नारेबाजी हुई कि प्रदेश प्रभारी का मंच तक पहुंचना मुश्किल हो गया। मंच तक पहुंचने में ¨शदे सहित सुक्खू और आला नेताओं को भी धक्के लग गए लेकिन शिंदे ने अपना आपा नहीं खोया और संयम बनाए रखा। किरकिरी होती देख कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्र धर्माणी ने इसे नियंत्रण करने का प्रयास किया लेकिन मामला और ज्यादा बिगड़ गया। नारेबाजी से टिकट के लिए दबाव बनाने वाले नेताओं को आला नेताओं की डांट भी सुननी पड़ी। हालांकि नेताओं ने अपने भाषण में भीड़ को कांग्रेस की हवा और जोश का नाम तो दिया पर जिस तरह से सदर में इस कार्यक्रम ने टिकट को लेकर नेताओं की भूख को जाहिर किया है उससे तो आने वाले दिनों में राजनीतिक हालात और भी बिगड़ने वाले हैं।

 

सदर में कांग्रेस की माली हालत से संगठन भी अनजान नहीं है, क्योंकि लगातार हार के बाद संगठन यहां पर जीत के लिए कोई मंत्र नहीं निकाल पाया है। इसका नकारात्मक पहलू यह भी है कि अब तक तक क्षेत्र से कोई बड़ा नेता तैयार नहीं हो सका। ऐसे में पिछले चुनाव की तरह इस बार भी दावेदारों की फौज तैयार हो गई। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि अन्य विस क्षेत्रों के आला नेताओं का हस्तक्षेप भी कांग्रेस को यहां पर कमजोर करने पर तुला हुआ है।

 

कार्यक्रम में टिकट के दावेदार को निराश नहीं किया गया। मंच से सतपाल रायजादा, दीपक लठ, करुण शर्मा, राजीव गौतम, शिव कुमार सैनी, राजीव गौतम, ईशान ओहरी ने जनसभा को संबोधित किया। सभी ने खुलकर अपनी ब्रां¨डग की और खुद को सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया। दीपक लठ ने छात्र राजनीति, सतपाल रायजादा ने पार्टी के लिए मेहनत, तो किसी ने काम, किसी ने संगठन, जाति समुदाय, राजनीतिक अनुभव आदि का हवाला देकर टिकट के लिए अपनी-अपनी दावेदारी जता डाली।

 

विधानसभा ऊना से टिकट के चाहवान नेताओं ने कांग्रेस प्रभारी सुशील शिंदे के ऊना आगमन पर स्वागत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। सबसे पहले पंजाब सीमा के पास अजौली में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ईशान ओहरी ने अपने समर्थकों, प्रवेश द्वार पर मैहतपुर के पास पीसीसी सदस्य सतपाल रायजादा, रक्कड़ में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण सदस्य दीपक लट्ठ, एचआरटीसी वर्कशॉप के पास एनएसयूआइ के प्रदेशाध्यकष एवं जिला परिषद सदस्य करुण शर्मा, जबकि प्रदेश शिकायत निवारण समिति के सदस्य एवं कांगड़ा बैंक के निदेशक राजीव गौतम, पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल और जिला परिषद अध्यक्ष सोमा देवी भरवाल ने शिंदे का स्वागत किया।

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