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सीमा पर BSF के ‘ऑपरेशन अर्जुन’ के आगे पाकिस्तान ने टेके घुटने….

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जम्मू-कश्मीर में सीमा रेखा पर हर दिन संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें आती रहती हैं। बर्डर पर पाकिस्तानी रेजर्स हर दिन सीज फायर तोड़ कर फायरिंग करते रहते हैं। हालांकि भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब देती है। पाक अपनी फायरिंग में कई बार आम नागरिकों के घरों को निशाना बनाता है जिसमें कई मासूम और निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान की इस नापाक करतूर के बाद भारत ने भी अब उसके ही अंदाज में उसे (पाकिस्तान को) जवाब देना शुरू कर दिया है। जिसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने घुटने टेक दिये और रूको-रूको करने लगे हैं।

भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सीमा के करीब स्थित पाकिस्तानी सेना के वर्तमान और पूर्व सैन्य अफसरों के घरों और खेतों पर निशाना लगाकर हमला कर रही है, जिससे पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का अनुरोध करने को मजबूर हो गए हैं। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तानी स्नाइपरों द्वारा भारतीय सैनिकों को मारने और सीमावर्ती गांवों और ग्रामीणों पर गोलीबारी के बाद ‘ऑपरेशन अर्जुन’ नाम से अभियान शुरू किया है। भारत के इस अभियान के बाद पाकिस्तानी सेना घुटनों पर आ गयी है और शांति चाहती है। इसलिए उन्होंने संघर्ष विराम का अनुरोध किया है।

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने सेना के अपने रिटायर हो चुके अफसरों को सीमा के नजदीक जमीनें दी है ताकि वो वहां से घुसपैठ कराने में अपने अनुभव से मदद कर सकें और भारती विरोध अभियानों के संचालन में मदद दे सकें। ऑपरेशन अर्जुन के तहत भारतीय सेना ने रिटायर हो चुके इन पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों और पाकिस्तानी रेंजर्स के घरों और खेतों को निशाना बनाया, जो घुसपैठ और भारत विरोधी अभियान में मदद कर रहे थे।

बीएसएफ की कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स पंजाब के डीजी मेजर जनरल अजगर नवीद हयात खान ने बीएसएफ के डायरेक्टर केके शर्मा को पिछले हफ्ते में दो बार फोन किया और गोलीबारी रुकवाने का अनुरोध किया। रिपोर्ट के अनुसार शर्मा ने पाकिस्तानी डीजी हयात खान को पाकिस्तान की तरफ से की जा रही गोलीबारी पर कड़ा एतराज जताया। बगैर किसी उकसावे के पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गयी गोलीबारी में भारतीय आम नागरिकों के जानो माल का नुकसान होता रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी डीजी ने बीएसएफ के डायरेक्टर शर्मा को पहली बार 22 सितंबर को फोन किया था और फिर दोबारा सोमवार (25 सिंतबर) को भी कॉल की। शर्मा ने खान से कहा कि उनके जूनियर 12वीं चेनाब रेंजर्स के लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान का रवैया उकसाहट भरा रहा है, जिससे दोनों तरफ गोलीबारी का खतरा बढ़ रहा है।

ऑपरेशन अर्जुन के तहत बीएसएफ ने छोटे, मध्यम और एरिया वेपंस का इस्तेमाल किया। इससे पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंची। इसमें पाक रेंजर्स के सात सैनिक और 11 नागरिक मारे गए हैं। लंबी दूरी के 81 एमएम वेपंस के इस्तेमाल से पाक सेना और रेंजर्स के कई आउट पोस्ट तबाह किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही फायरिंग के कारण बीएसएफ ने पश्चिमी सीमा पर अपने ऑपरेशन को फिर से तैयार किया।  रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभियान पिछले साल तीन महीने तक चले ‘ऑपरेशन रुस्तम’ की तर्ज पर था। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक सेना की गोलाबारी का जवाब देने के लिए यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। बीएसएफ के जवाब के कारण पाक रेंजर्स को सफेद झंडा दिखाने पर मजबूर होना पड़ा था।

क्या हैं ‘ऑपरेशन अर्जुन’ ? 
दरअसल पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के घरों और खेतों पर फायरिंग की और गोले दागे। इतना ही नहीं पिछले महीने भारतीय जवानों को मारने, ग्रामीणों पर फायरिंग और गांवों में गोलाबारी करने के लिए पाक ने स्नाइपर्स का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद बीएसएफ ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया। इसके लिए बीएसएफ ने ‘ऑपरेशन अर्जुन’ शुरू किया है।

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