Home प्रादेशिक CM वीरभद्र सिंह ने बेटे विक्रमादित्य सिंह की राजनीतिक पारी की घोषणा की…..

CM वीरभद्र सिंह ने बेटे विक्रमादित्य सिंह की राजनीतिक पारी की घोषणा की…..

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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पांच साल पहले 20 हजार वोटों से जीती सीट पर अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह की राजनीतिक पारी की घोषणा करके एक साथ कई निशाने साधे हैं। पांच साल पहले पुनर्सीमांकन के बाद सामने आए शिमला ग्रामीण की सेमी अर्बन पृष्टभूमि वाली सीट पर बेटे की लांचिंग के लिए तय रणनीति के तहत काम किया।

वीरभद्र सिंह के इस पॉलिटिकल मूव की अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने बेटे के लिए अपनी सीट छोड़ने की घोषणा के फौरन बाद सुबह से ही शिमला पहुंचे अर्की क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अर्की से चुनाव लड़ने का आमंत्रण दे डाला। मुख्यमंत्री के अर्की से चुनाव लड़ने की पहले से अटकलें लगाई जा रही हैं। विक्रमादित्य सिंह कहां से चुनाव लड़ेंगे, सीएम ने इसका ऐलान कर दिया है। इससे राजनीतिक गलियारों में विक्रमादित्य की लांचिंग को लेकर चल रही अटकलें खत्म हो गई हैं।
इसके बाद वीरभद्र सिंह के खुद चुनाव लड़ने के मूव पर सबकी नजरें लग गई हैं जिले में रोहडू, रामपुर आरक्षित हं। शिमला सीट भाजपा के पास है। चौपाल सीट ही जिले में बचती है, वहां प्रत्याशी भी सीएम के समर्थक हैं। सोलन जिला में अर्की से भी सीएम चुनावों में उतर सकते हैं। पशु पालन बोर्ड निदेशक मंडल के सदस्य राजेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में अर्की के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। अर्की क्षेत्र में विभिन्न स्वास्थ्य और शिक्षण संस्थान स्तरोन्नत करने के अलावा कुनिहार में उप-तहसील खोलने के लिए उनका आभार प्रकट किया और मुख्यमंत्री से अर्की विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का भी आग्रह किया। अर्की से कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के लिए मजबूत दावेदार भी नही है।

विरोधी खेमा इस कोशिश में लगा रहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में चुनाव हो, लेकिन अब विरोधियों को सोचना पड़ेगा कि अगर वीरभद्र सिंह चुनाव नहीं लड़ते हैं तो पार्टी किस रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरेगी। पार्टी के पास सैकेंड लाइन के चेहरे हैं, लेकिन वीरभद्र सिंह के कद के सामने कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो इस चुनाव में कांग्रेस काे जमीनी स्तर पर पूरे प्रदेश में लीड कर सके। ऐसे कई सवाल इस घोषणा के बाद सीएम नेे हाईकमान आैर अपने विरोधियों के सामने छोड़े हैं।

मुख्यमंत्रीके इस मूव की सियासी जमीन पहले से सिर्फ तैयार थी बल्कि इस सियासी जमीन पर विक्रमादित्य सिंह के पांव जमाने की कोशिशें काफी पहले शुरू हो चुकी थी। इस हलके में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के अलावा विक्रमादित्य सिंह की खुद की मौजूदगी पहले से रही। बड़े मार्जन से जीती सीट से बेटे की लांचिग सेफ करवाकर मुख्यमंत्री ने आलाकमान को भी चुपचाप संदेश दे दिया है। पिछले चुनावों में यहां हुए मतदान की 70 फीसदी वोट वीरभद्र सिंह को मिली थी। सीएम का हलका होने के नाते पांच साल यहां पर विकास कार्य लगातार होते रहे। पांच साल में शिमला ग्रामीण में हो रहे विकास कार्य विपक्ष के निशाने पर भी रहे।

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