उन्होंने पार्टी के आपसी मतभेदों पर बताया कि साल 1993 में भी वह प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे और उस वक्त भी वीरभद्र सिंह और सुख राम के बीच जारी विवाद को सुलझा लिया गया था और पार्टी सत्ता में आई थी। इस वक्त भी जो विवाद चल रहे हैं, उन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। शिंदे वीरवार को कसौली विधानसभा क्षेत्र के सुबाथू में आयोजित कांग्रेस के राज्यस्तरीय दलित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।