पटना के नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सेकेंड डिविजन में इकोनॉमिक्स में राजकुमार ने एमए पास किया है। उन्होंने कहा कि फाइनली मैंने अपना सपना पूरा कर लिया। अब मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूं। दो साल पहले अपनी ढलती उम्र के बावजूद उन्होंने एमए करने का निश्चय किया और अब पास होकर साबित कर दिया कि कोई ठान ले तो कुछ भी हासिल कर सकता है। इसके लिए वे अपने आपको नजीर की तरह पेश करते हैं। युवाओं के लिए उनका कहना है कि कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। खुद पर विश्वास हो तो हर वक्त अवसर सामने रहता है। खुद पर भरोसा करें और मौके को भुनाएं। हालांकि वे इस बात को स्वीकार करते हैं कि इस उम्र में एक छात्र की तरह दिनचर्या का पालन उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहा। सुबह उठकर परीक्षा की तैयारी करना काफी कठिन काम रहा।
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अनुसार एमए प्रथम वर्ष 2016 और द्वितीय वर्ष 2017 की परीक्षा के दौरान वे पूरे तीन घंटे अपने नाती-पोते की उम्र से भी कम उम्र के छात्रों के साथ परीक्षा कक्ष में बैठ कर पेपर दिया। उन्होंने अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा और प्रत्येक्ष एग्जाम में तकरीबन दो दर्जन कापियां लिखीं।
इस साल की शुरुआत में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया। वे सबसे ज्यादा उम्र में एमए की डिग्री के लिए अप्लाई करने वाले बन गए हैं। 2015 में उन्होंने इस कोर्स में एडमिशन लिया था। अब उनका पीएचडी करने का कोई प्लान नहीं है।