भोपाल.छोला मंदिर इलाके में 13 साल की नाबालिग से घर में ही ज्यादती किए जाने का मामला सामने आया है। आरोपियों में चाचा, चाचा का बेटा और जीजा शामिल है। विदिशा पुलिस ने शून्य पर मामला दर्ज कर केस डायरी छोला मंदिर पुलिस को सौंप दी है।
मूलत: विदिशा निवासी 13 वर्षीय नाबालिग के पिता की आठ महीने पहले मौत हो गई थी। आरोपी चाचा भरण-पोषण करने के बहाने पीड़िता को छोला मंदिर स्थित अपने घर ले आया। यहां उसने उससे ज्यादती की। उसके बाद उसके बेटे ने भी पीड़िता का शारीरिक शोषण किया। इसके बाद पीड़िता का जीजा उसे अपने साथ ले गया और ज्यादती की। किसी तरह विदिशा अपने घर पहुंची पीड़िता ने परिजनों को घटना के बारे में बताया। उसकी शिकायत पर विदिशा में शून्य पर मामला दर्ज कराया। घटना स्थल छोला मंदिर होने के कारण शनिवार को केस डायरी मिलते ही छोला मंदिर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। छोला मंदिर पुलिस के अनुसार फिलहाल किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।अपनों के हाथ लुटती-पिटती रही बच्ची को अभी तक न्याय की चौखट पर ही लाचारी ही मिली। दो दिन पहले एफआईआर होने के बाद अभी तक उसकी मेडिकल जांच तक नहीं हो सकी है। वह फिलहाल चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में आकर नेहरू नगर बालिका गृह में है। 28 सितंबर को रेप का केस दर्ज होने के बाद विदिशा पुलिस बच्ची को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई थी,लेकिन उसके साथ अभिभावक न होने से डॉक्टर ने मेडिकल करने से मना कर दिया।
मूलत: विदिशा निवासी 13 वर्षीय नाबालिग के पिता की आठ महीने पहले मौत हो गई थी। आरोपी चाचा भरण-पोषण करने के बहाने पीड़िता को छोला मंदिर स्थित अपने घर ले आया। यहां उसने उससे ज्यादती की। उसके बाद उसके बेटे ने भी पीड़िता का शारीरिक शोषण किया। इसके बाद पीड़िता का जीजा उसे अपने साथ ले गया और ज्यादती की। किसी तरह विदिशा अपने घर पहुंची पीड़िता ने परिजनों को घटना के बारे में बताया। उसकी शिकायत पर विदिशा में शून्य पर मामला दर्ज कराया। घटना स्थल छोला मंदिर होने के कारण शनिवार को केस डायरी मिलते ही छोला मंदिर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। छोला मंदिर पुलिस के अनुसार फिलहाल किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।अपनों के हाथ लुटती-पिटती रही बच्ची को अभी तक न्याय की चौखट पर ही लाचारी ही मिली। दो दिन पहले एफआईआर होने के बाद अभी तक उसकी मेडिकल जांच तक नहीं हो सकी है। वह फिलहाल चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में आकर नेहरू नगर बालिका गृह में है। 28 सितंबर को रेप का केस दर्ज होने के बाद विदिशा पुलिस बच्ची को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई थी,लेकिन उसके साथ अभिभावक न होने से डॉक्टर ने मेडिकल करने से मना कर दिया।
विदिशा में बाल कल्याण समिति भंग होने के कारण बच्ची का केस भोपाल रेफर कर दिया गया। बच्ची शुक्रवार को भोपाल में चाइल्ड लाइन की अभिरक्षा में आ गई। चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के आदेश पर मेडिकल कराने की तैयारी कर ली। लेकिन शुक्रवार को रात 10 बजे तक विदिशा से केस डायरी न आने के कारण उसका मेडिकल नहीं हो सका। शनिवार को केस डायरी पहुंचने पर छोला मंदिर थाना में आरोपी लक्ष्मणसिंह,पंकज और राजवीरसिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। सभी आरोपी फरार हैं।