भोपाल। पिछले साल भोपाल जेल ब्रेक के बाद जेलों की सुरक्षा बड़ी चुनौती रही है। इसके लिए 782 प्रहरियों की भर्ती की गई है, जिनमें पहली बार 252 महिलाएं हैं। इन्हें बीएसएफ के अफसरों ने टेकनपुर में करीब एक साल की कठिन ट्रेनिंग दी है। इसमें मार्शल आर्ट से लेकर सभी तरह के हथियारों का प्रशिक्षण शामिल है। 4 अक्टूबर को ये जेल प्रहरी शपथ लेंगे, इससे पहले सोमवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर फाइनल रिहर्सल का आयोजन किया गया।
पिता अशोक रतलाम में प्रधान आरक्षक। भाई रूपेश नीमच में सिपाही। इसी के चलते खाकी की तरफ शुरू से आकर्षण। शादी के बाद पति ने सहयोग किया। सालभर के दुधमुंहे बेटे को माता-पिता के पास छोड़कर प्रहरी की एक साल की ट्रेनिंग की। इंदौर के पीटीएस में कमांडो की ट्रेनिंग ली है। दुश्मनों का मुकाबला करना सीखा है।
प्रियंका यादव, इटारसी,परिवार में महिला शक्तिकरण पर जोर। ग्रेजुएशन के बाद मार्केटिंग फाइनेंस में एमबीए किया। तीन बार इंटरनेशनल कंपनियों में कैंपस सलेक्शन भी हुआ। स्कूल में रहते एनसीसी, स्काउट-गाइड में रही। एनसीसी में 2005 और 2010 में राष्ट्रपति पदक मिला। माता-पिता खाकी वर्दी में देखना चाहते थे।–
मंजूलता गौतम, बालाघाट पिता बालाघाट में कांट्रेक्टर,हमेशा कहते थे कि बेटी को पुलिस में भेजूंगा। एमपीपीएसपी के जरिए पुलिस अफसर बनना चाहती थी। अब भी तैयारी कर रही हूं। जेल प्रहरी बनकर देश सेवा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करूंगी। कमांडो ट्रेनिंग ली है। ऐसी ट्रेनिंग जीवन में संघर्ष का नया नजरिया देती है। –