भोपाल.राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों की डेयरियां शहरी क्षेत्रों से बाहर करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार डेयरी संचालकों प्रति पशु 100 वर्गफीट जमीन मुहैया कराएगी। जमीन आवंटन लॉटरी के जरिये हाेगा। इसके बाद डेयरी संचालक को बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत प्रीमियम और प्रीमियम का 7.5 प्रतिशत वार्षिक लीज रेंट (भू भाटक) चुकाना होगा। यह जमीन डेयरी संचालकों को 30 साल पर पट्टे पर दी जाएगी।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने केवल भोपाल शहर की डेरियों के विस्थापन के लिए नीति का ड्राफ्ट मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस नीति को पूरे राज्य में लागू किया जाए।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने केवल भोपाल शहर की डेरियों के विस्थापन के लिए नीति का ड्राफ्ट मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस नीति को पूरे राज्य में लागू किया जाए।
कैबिनेट के फैसले के मुताबिक राजस्व विभाग शहर के बाहर कलेक्टर के माध्यम से नगरीय विकास एवं आवास विभाग को जमीन आवंटित करेगा।इसके बाद प्रस्तावित जमीन को विकसित करने तथा आंवटन करने के लिए नगरीय निकायों को सौंपेगा। शहरी क्षेत्र से डेरियों का विस्थापन करने के लिए दो साल पहले एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने आदेश जारी किया था।जिसका पालन कराने के लिए राज्य सरकार ने भोपाल शहर की डेयरियों के संबंध में 29 अगस्त 2017 को राजस्व, पशुपालन और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिवों की कमेटी बनाई थी।कमेटी ने डेयरियों के लिए जमीन का चयन, आवंटन की प्रक्रिया के लिए नीति का ड्राफ्ट किया। जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
यदि किसी के पास 15 पशु हैं तो उसे 1 हजार वर्गफीट का प्लाट आवंटित किया जाएगा।इससे अधिक पशु वाले डेयरी संचालक को 2 हजार वर्गफीट वाले प्लाट के लिए होने वाली लाॅटरी में शामिल किया जाएगा।लेकिन 20 से अधिक पशु वाले डेयरी संचालक को एक से अधिक प्लाॅट आवंटित किए जाएंगे।