Home Uncategorized सारे काले धन को सफेद कर दिया गया: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण...

सारे काले धन को सफेद कर दिया गया: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी…

29
0
SHARE

आर्थिक संकट को लेकर केंद्र सरकार पर अपनों के ही हमले कम नहीं हो रहे हैं. पहले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चों पर फेल बताते हुए जमकर निशाने साधे थे. यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि एक और पूर्व मंत्री ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने सरकार को आर्थिक मुद्दों पर कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने तो यहां तक आरोप लगाया है कि केंद्र में ढाई लोगों की सरकार है और यह सरकार विशेषज्ञों की बात नहीं सुनती है.

अरुण शौरी ने नोटबंदी पर सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि नोटबंदी एक बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम थी. इसके तहत बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद किया गया. इस बात का प्रमाण खुद आरबीआई ने यह कहकर दिया है कि नोटबंदी के दौरान 99 फीसदी पुराने नोट बैंकों में जमा किए गए. उन्होंने कहा कि देश इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यह संकट नासमझी में लिए गए जीएसटी के फैसले से पैदा हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे लागू करने में इतनी जल्दबाजी दिखाई कि इंफोसिस को जीएसटी सॉफ़्टवेयर का ट्रायल नहीं करने दिया गया. जीएसटी का फॉर्म बहुत जटिल है और इसके डिजाइन में कई बड़ी खामियां हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर सरकार को तीन महीने में सात बार नियम बदलने पड़े. जीएसटी का सीधा असर छोटे और मझोले उद्योगों पर पड़ रहा है. इससे उद्योगों के उत्पादों की बिक्री तथा उनकी आमदनी में गिरावट आई है.

नोटबंदी के असर पर पूछे जाने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि नोटबंदी एक बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की स्कीम थी. सरकार ने सारे काले धन को सफेद कर लिया. इससे भ्रष्टाचार में कमी होने के दावे किए जा रहे थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. असंगठित क्षेत्र पर नोटबंदी का असर पड़ा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वस्तुओं की मांग घटी. इससे कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल सेक्टर पर भी बुरा असर पड़ा था.

सरकार के कामकाज पर कटाक्ष करते हुए अरुण शौरी ने कहा कि वर्तमान सरकार का फोकस सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट पर है. सिर्फ बड़े-बड़े दावों के लिए बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं. ढाई लोग ही पूरी सरकार चला रहे हैं. किसी को भी यहां सुना नहीं जाता है. यशवंत सिन्हा के सवालों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा ने सही कहा कि पार्टी में अपनी बात रखने का कोई मंच नहीं है. एक वरिष्ठ सांसद ने भी बताया कि पार्टी की बैठक में एक सांसद को चुप करा दिया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित आर्थिक सलाहकार परिषद के औचित्य पर उन्होंने कहा कि इस सलाहकार परिषद में नीति आयोग के ही सदस्य है. इसलिए उनकी सलाह कोई नई नहीं होगा और इस परिषद से देश की आर्थव्यवस्था के सुधार में कोई भी असर नहीं होगा.

बता दें कि अरुण शौरी प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक हैं. वे विश्व बैंक में अर्थशास्त्री और योजना आयोग में सलाहकार भी रहे हैं. वे अंग्रेजी के कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रहे हैं और 1998-2004 तक भारत सरकार में मंत्री भी रहे हैं. राजग सरकार में उन्होंने विनिवेश, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों सहित कई अन्य विभागों में कार्यभार संभाला था. उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here