मौद्रिक नीति समीक्षा में क्या कहा
इससे पहले, पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया था। रिजर्व बैंक ने 2017-18 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख के अनुरूप है। यह मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के दायरे के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य अनुसार है।’’
मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में पांच ने फैसले के पक्ष में जबकि एक सदस्य रवीन्द्र ढोलकिया ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के पक्ष में मतदान किया।
महंगाई बढ़ने की संभावना जताई
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने साल की पहली छमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट पर चिंता व्यक्त की है। RBI ने महंगाई बढ़ने की संभावना जताई है। आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि GST में और सरलीकरण करके कारोबार को आसान बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें-भारतीय रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
* प्रमुख नीतिगत दर को छह प्रतिशत पर यथावत रखा गया।
* रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित।
* 2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत किया।
* दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति 4.2 से 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से लघु अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की संभावनाएं अनिश्चित।
* मुख्य मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर चार प्रतिशत के करीब रखने का लक्ष्य।
* केंद्रीय बैंक बैंकों के बही खाते से कंपनियों की दबाव वाली संपत्तियों के हल के लिए काम करेगा।
* हालिया संरचनात्मक सुधारों से कारोबारी धारणा, पारदर्शिता और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने को लेकर स्थिति सुधरी।
* केंद्रीय बैंक ने ठहरी निवेश परियोजनाओं को शुरू करने, कारोबार सुगमता में सुधार और जीएसटी सरलीकरण के लिये समन्वित प्रयासों पर बल दिया।
* राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले काफी ऊंचे स्टाम्प शुल्क की दरों को तर्कसंगत बनाने का सुझाव। सस्ते आवास कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने पर बल।
* मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-6 दिसंबर को।