मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जेल प्रहरी निष्ठा, कर्त्तव्य परायणता, दक्षता और ईमानदारी के साथ अपना दायित्व निभायें। जेल प्रहरियों की दीक्षांत परेड देखकर यह विश्वास होता है कि वे अपने दायित्वों के निर्वहन में सक्षम है। श्री चौहान आज लाल परेड ग्राउंड में वर्ष 2016 बैच के नव प्रशिक्षित जेल प्रहरियों की दीक्षांत परेड-2017 को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सजग सुरक्षा और सुधार जेल विभाग का लक्ष्य है। जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाया गया है। प्रहरियों को आधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेल समाज की शांति के लिए कार्य करते हैं। वहाँ कई ऐसे दुर्दांत अपराधी भी रहते हैं जो यदि जेलों से बाहर चले जाएं तो वे समाज के लिए घातक होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में परिस्थितिजन्य अपराधी भी होते हैं। इसलिये प्रहरियों को परिस्थितियों के अनुरूप बंदियों के साथ व्यवहार करना होगा। उन्होंने कहा कि बुरे से बुरे व्यक्ति में भी अच्छी भावनाएँ होती हैं। बंदियों की अच्छी भावनाओं को पोषित और प्रोत्साहित करके उन्हें एक अच्छे इंसान के रूप में जेल से समाज में भेजने में जेलों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस दिशा में जेल सुधार के लिए निरंतर चिंतन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रहरियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि कर्त्तव्य पथ पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे, इसका उन्हें विश्वास है। शहीद प्रहरी रमाशंकर सिंह का स्मरण करते हुए श्री चौहान ने कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। सरकार सदैव उनके परिवार के साथ है। उल्लेखनीय है कि शहीद प्रहरी के परिजनों को 25 लाख रुपए की सहायता और शासकीय सेवा के साथ ही शहीद प्रहरी की पुत्री के विवाह में मुख्यमंत्री ने स्वयं बारातियों का स्वागत किया था। श्री चौहान ने कहा कि समारोह में महिला प्रहरियों के प्रदर्शन ने यह सिद्ध किया है कि वे हर परिस्थिति का सामना कर सकती हैं। पुलिस में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करना सरकार का सही और सफल निर्णय है। उन्होंने कहा कि प्रहरियों का जीवन स्वयं और उनके परिवार के लिए ही नहीं, अपितु देश और समाज में सुरक्षा का वातावरण बनाए रखने के लिये भी है। मुख्यमंत्री ने प्रहरियों से अपील की कि वे देश और समाज की सेवा के लिए त्याग का जज्बा रखें। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण कर आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। नव प्रशिक्षित जेल प्रहरियों की शौर्य कौशल प्रदर्शन प्रस्तुतियों का अवलोकन किया और पुरस्कारों का वितरण किया। महानिदेशक जेल श्री संजय चौधरी ने बताया कि समारोह में 710 जेल प्रहरी भाग ले रहे हैं। इनमें 500 पुरुष और 210 महिला प्रहरी हैं। उन्होंने बताया कि जेल प्रहरियों ने पहली बार पुलिस और अर्धसैनिक बल प्रशिक्षण केंद्रों में आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं। जेलों की व्यवस्थाओं को निरंतर बेहतर बनाने के लिये उपलब्ध संसाधनों का पूरी सजगता से उपयोग किया जा रहा है। सुधार के कार्य गंभीरता से किए जा रहे हैं। अपर महानिदेशक जेल श्री जी. आर. मीणा ने नव दीक्षित प्रहरियों को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक श्री आर. के. शुक्ला, अपर मुख्य सचिव गृह श्री के. के. सिंह, अपर मुख्य सचिव जेल श्री विनोद सेमवाल सहित बड़ी संख्या में पुलिस एवं जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और नव प्रशिक्षित प्रहरियों के परिजन उपस्थित थे। |