अखिलेश यादव आज दोबारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये। ताजनगरी आगरा में चल रहे सपा के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। वह लगातार दूसरी बार दल के अध्यक्ष चुने गए हैं।
आगरा के तारघर मैदान में चल रहे अधिवेशन में सिर्फ अखिलेश की तरफ से ही नामांकन हुआ था। प्रस्तावकों के अनुमोदन पर निर्वाचन अधिकारी डॉ. रामगोपाल यादव ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही सभी अटकलों पर विराम लग गया।
राष्ट्रीय अधिवेशन की चुनाव अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन के साथ शुरू हुई। सबसे पहले पार्टी के झंडा फहराया गया। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेता किरनमय नंदा सहित लगभग 25 प्रस्तावकों के समक्ष अखिलेश यादव ने नामांकन भरा। अधिवेशन में उनके अलावा एक भी नामांकन नहीं आया। इस पर सभी प्रस्तावकों ने उसका अनुमोदन किया।
उधर, इस घोषणा के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया। अंतिम समय तक अटकलें लगाई जा रही थी कि राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव कुछ अलग कर सकते हैं। यह भी माना जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव को पार्टी फिर से यह पद दे सकती है। मगर अब अगले पांच साल के लिए अखिलेश यादव ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे। डॉ. रामगोपाल ने यह भी घोषणा की कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिर से भाजपा पर निशाना साधा। धोखे और झूठ की राजनीति करने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि अब सपा भाजपा के सभी झूठों का पर्दाफाश करेगी। वहीं पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ जया बच्चन और पूर्व सांसद डिंपल यादव भी मंच पर रहीं।
अखिलेश यादव आगरा एक्सप्रेस वे से मंगलवार शाम सैफई पहुंचे थे, धर्मेन्द्र यादव और अंशुल यादव बुधार सुबह आवास पर पहुंचे जिसके बाद चारो युवा नेताओं ने कई घंटे तक मंत्रणा की। पूरी वार्ता को वैसे तो गुप्त रखा गया है लेकिन जो बातें छन कर सामने आयीं उसके अनुसार मुलायम सिंह यादव कार्यसमिति में आने को राजी हो गए हैं, परिवारिक सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव ने फोन पर चाचा शिवपाल यादव से भी बात की है और उनके भी कार्यसमिति में पहुंचने की उम्मीद है। परिवार के लोगों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो कार्यसमिति के बाद फिर से पूरी पार्टी एक हो जाएगी, इसका क्या फार्मूला होगा यह भी तय हो चुका है।