अर्चना चिटनिस ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा का विषय सरकार और कानून का तो है ही पर सबसे पहले यह विषय परिवार और समाज का है। भौतिकता, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तथा तकनीकी विकास से समाज में आये बदलावों को देखते हुए हमारे लिये बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरूक होकर जिम्मेदारी निभाने का समय है।
‘बाल यौन शोषण भारत के लिए एक बड़ी चुनौती’
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि गरीबी और जात-पात के नाम पर सदियों से बच्चों की गुलामी चली आ रही है। बच्चों ने जब मानव समाज के लिए कोई समस्याएं उत्पन्न नहीं की हैं तो उनके साथ मानवीय गरिमा का हनन क्यों हो और उनके इंसान होने के वजूद पर प्रश्नचिन्ह क्यों है। कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बाल यौन शोषण भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसका सामना हम संकल्प शक्ति और जागरूकता के बल पर ही कर सकते हैं।
बाल यौन शोषण के खिलाफ दिलवाई शपथ
उन्होंने कहा कि भारत यात्रा भय के खिलाफ एक महायुद्ध है। हमें यह सोचना होगा कि हमारे सांस्कृतिक मूल्य भय से संचालित होंगे या हम एक भयमुक्त भारत बनाएंगे। कैलाश सत्यार्थी ने इस अवसर पर बाल यौन शोषण के खिलाफ शपथ भी दिलवाई।
‘समाज को सक्रिय और जागरूक होने की आवश्यकता’
न्यायमूर्ति दलीप सिंह ने कहा कि बाल शोषण के पीड़ित को आरंभिक स्तर पर ही संरक्षण देना आवश्यक है। पुलिस महानिरीक्षक ऋषि कुमार शुक्ल ने बच्चों की सुरक्षा की दिशा में पुलिस के साथ-साथ समाज को सक्रिय और जागरूक होने की आवश्यकता बताई।