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हमले के बाद कबड्डी कोच बोली,अगर मैं एथलीट न होती तो मर जाती…

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पद्म श्री पुरस्कृत सुनील डबास पर बुधवार देर रात कुछ लोगों ने हमला किया,उनपर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की, लेकिन डबास ने साहस के साथ मुश्किल से अपनी जान बचाई। मामले की सूचना गुरुग्राम पुलिस को दे दी गई है। इस घटना से सुनील सदमे में आ गई हैं और उन्हें अस्पताल भी जाना पड़ा। उन्होंने इस पूरी घटना की आपबीती बताई।

आपबीती : अगर मैं एथलीट न होती तो मौत पक्की थी

‘मैं 20 मिनट तक सभी को फ़ोन करती रही, लेकिन तुरंत कोई भी मेरी मदद के लिए नहीं आया।  लघु सचिवालय के पास होने के बावजूद यह बहुत ही असुरक्षित जगह है। इसके पास ही जिला न्यायालय भी बना हुआ है। मैंने रात के समय देखा कि कुछ लोग मेन गेट को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जब मैंने उन लोगों से गेट तोड़ने का कारण जानना चाहा तो उन्होंने मुझे कुछ भी बताने के बजाय मुझे मारने की कोशिश की। अगर मैं एथलीट नहीं होती तो वे मुझे कुचल देते।

उन्होंने मेरी ओर 100 की स्पीड से गाड़ी दौड़ाई। मुझे पहले तो लगा कि गाड़ी मोड़कर कार चालक वहां से निकल रहा है लेकिन उसने मेरी ही ओर गाड़ी को दौड़ा दिया। डिवाइडर जंप करके मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई। उन्होंने धमकी भी दी थी कि इसे खत्म करो नहीं तो ये सुबह बखेड़ा खड़ा करेगी। कार से बचने के लिए मैंने एक बार पेड़ का सहारा लिया इसके बाद ही मैं बच पाई।

मैंने एक पत्थर उठाकर मुकाबला करने की कोशिश की तो 3 और कार मौके पर आ गईं। उनके साथ 15-20 बाउंसर थे। इसी दौरान बाइक से दो पुलिस वाले वहां पहुंचे और उन्होंने मुझे बाइक से पर ही बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। इसी दौरान मेरी पति को भी करीब 20 बाउंसर ने घेर रखा था। उन्होंने मेरे पति को धमकी दी की वह भविष्य में उन्हें देख लेंगे।

अगर मैं एथलिट्स न होती तो मेरी जान चली ही गई थी। हे भगवान, कितना दौड़ाया मारने के लिए। मैं हैरान हूं, जिस देश के लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी कुरबान की है। मेरे भाई ने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था और मेरे पिता और दादा ने भी देश के लिए बहुत कुछ किया है। देश की सेवा में समर्पित एक परिवार अब सरकार से अपने परिवार की सुरक्षा की भीख मांग रहा है। रग-रग में देश के लिए मर मिटने की भावना के बावजूद आज कुछ अपराधी मेरी जान ले लेते। अगर मैं इतनी फुर्ती न दिखाती तो ये लोग मेरी जान ले लेते।

  • भारत की महिला कबड्डी टीम की कोच हैं डबास
  • 2005 से वुमेन टीम इंडिया को कोचिंग दे रही हैं डबास
  • डबास की कोचिंग में टीम इंडिया 6 गोल्ड मेडल जीते, जिसमें एशियन गेम्स 2010 और वर्ल्डकप 2012 शामिल हैं
  • 2012 में डबास को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
  • 2014 में पद्मश्री अवॉर्ड से किया गया सम्मानित
  • गुरूग्राम के द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट (फिजिकल एज्युकेशन)
  • 2014 में कबड्डी में दमदार प्रदर्शन के लिए डबास को हरियाणा सरकार ने स्पोर्ट्स वुमेन अचिवर अवॉर्ड से सम्मानित किया
  • 2016 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज, भारत की पहली महिला कोच जिन्हें पद्मश्री और द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया गया
  • हरियाणा के झज्जर जिले में डबास का जन्म हुआ था
  • बीए, एमए और एमफिल के साथ कई डिग्री ले चुकी हैं डबास
  • भारत की महिला कबड्डी टीम की कोच हैं डबास
  • 2005 से वुमेन टीम इंडिया को कोचिंग दे रही हैं डबास
  • डबास की कोचिंग में टीम इंडिया 6 गोल्ड मेडल जीते, जिसमें एशियन गेम्स 2010 और वर्ल्डकप 2012 शामिल हैं
  • 2012 में डबास को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
  • 2014 में पद्मश्री अवॉर्ड से किया गया सम्मानित
  • गुरूग्राम के द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट (फिजिकल एज्युकेशन)
  • 2014 में कबड्डी में दमदार प्रदर्शन के लिए डबास को हरियाणा सरकार ने स्पोर्ट्स वुमेन अचिवर अवॉर्ड से सम्मानित किया
  • 2016 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज, भारत की पहली महिला कोच जिन्हें पद्मश्री और द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया गया
  • हरियाणा के झज्जर जिले में डबास का जन्म हुआ था
  • बीए, एमए और एमफिल के साथ कई डिग्री ले चुकी हैं डबास

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