वहीं अब सीएम शिवराज सिंह ने भी यही संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन इतना जरूर कहा है कि इस दीवाली पर प्रदेश की जनता को तोहफा जरूर मिलेगा। वहीं मंत्रालय सूत्रों की माने तो जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मध्यप्रदेश सरकार कभी भी पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स घटा सकती है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के राज्य सरकारों से पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्य सरकार से टैक्स कम करने की अपील के बाद मप्र सरकार के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने टैक्स कम किए जाने के संकेत दिए थे। इस मामले में सीएम शिवराज सिंह से सवाल किए जाने पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बहुत गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि माना जाए कि सरकार दीवाली का तोहफा देगी तो उन्होंने कहा कि दीवाली तो आने दो, लेकिन बाद में उन्होंने गंभीरता से कहा कि इस दीवाली पर तोहफा तो जरूर मिलेगा कुछ न कुछ, बस इंतजार कीजिए। वित्तमंत्री जयंत मलैया और अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बाद मंत्रालय सूत्रो से मिल रही खबर के अनुसार सरकार ने 5 फीसदी टैक्स कम करने का मन बना लिया है। लेकिन ये फैसला सरकार जीएसटी काउसिंह की बैठक के बाद लेना चाहती है।
जीएसटी काउसिंल की बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया शामिल होंगे और केंद्र सरकार से चर्चा के बाद घोषणा कर दी जाएगी। गौरतलब है कि देश में मप्र एक ऐसा प्रदेश है, जहां पेट्रोलियम पदार्थों पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जाता है। हाल ही में पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ने के बाद प्रदेश में पेट्रोल-डीजल काफी महंगा हो गया है। विपक्ष जहां लगातार टैक्स कम करने की मांग कर रहा है तो सरकार के अपने लोग भी भारी भरकम टैक्स पर सवाल उठाने लगे हैं।
हालांकि पहले वित्तमंत्री ने ये कहकर विपक्ष और जनता की मांग को ठुकरा दिया था कि मध्यप्रदेश की एक तिहाई आय का साधन पेट्रोलियम पदार्थ हैं, लेकिन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के राज्य सरकार से पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम करने के ट्वीट और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के धर्मेन्द्र प्रधान के ट्वीट को री ट्वीट किए जाने के बाद मध्यप्रदेश सरकार के सुर बदल गए हैं।