जीएसटी काउंसिल की आज होने वाली बैठक में निर्यातकों को राहत संभव को तेजी से धन वापसी के साथ अनुपालन के संदर्भ में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि माल एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी) की पूर्ण बैठक में जीएसटी नेटवर्क के कामकाज में सुधार का भी आकलन किये जाने की संभावना है। परिषद की यह 22वीं बैठक होगी।
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटीएन में गड़बड़ी पर गौर करने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में मंत्रियों का समूह गठित किया गया है। समूह पोर्टल के काम के बारे में परिषद को जानकारी देगा। निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दे सकती है। इसके आधार पर परिषद निर्यातकों को कुछ राहत देने के लिए सिफारिश कर सकती है ताकि रिफंड के रूप में फंसी उनकी कार्यशील पूंजी जल्दी जारी हो सके।
छोटे व्यापारियों को छूट! : जीएसटी परिषद के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने छोटे व्यापारियों को राहत पहुंचाने की अपील की है। उनका कहना है कि जिन व्यापारियों का टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये तक है, उन्हें मासिक के बजाय त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की सुविधा दी जाए। 75 लाख रुपये टर्नओवर वाले व्यापारियों को कंपोजिशन स्कीम में 1 फीसदी टैक्स देना होता होता था, उसकी सीमा बढ़ाकर भी 1 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए की जा सकती है।
साथ ही केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) परिषद को यह सूचित करेगा कि वह 10 अक्तूबर से एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) रिफंड के लिए तैयार है। राजस्व सचिव के साथ पिछले महीने बैठक में निर्यातकों ने कहा था कि उनके जीएसटी ‘रिफंड में अनुमानत: 65,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने भरोसा दिलाया कि सरकार उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत देने के लिए जीएसटी की व्यावहारिक कठिनाइयां दूर करेगी। उन्होंने कहा कि बही खातों की पुरानी लेखा पद्धति से काम करने वाले कई कारोबारियों को डिजिटल तरीके से जीएसटी का रिटर्न दायर करने में परेशानी हो रही है लेकिन इसे खत्म किया जाएगा। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ने जीएसटी की अलग-अलग समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।