विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ एवं अनूठी परंपराओं का संगम कुल्लू दशहरा पर्व में रघुनाथ की रथ यात्रा के बाद विधिवत रूप से शुक्रवार को लंका दहन के नजारे के हजारों लोग गवाह बने। लिहाजा, सात दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में सैकड़ों देवी-देवताओं के साथ रघुनाथ जी ने लंका पर चढ़ाई कर रावण परिवार के साथ बुराई का भी अंत किया।
देवी हडिंबा के आते ही यात्रा का शुभारंभ हुआ। रथ यात्रा आरंभ होते ही जयाकारों के उदघोषों व वाद्ययंत्रों से सारा वातावरण कुछ क्षणों के लिए गुजायमान हो गया। रथयात्रा पूरी होने पर रथ को ढालपुर मैदान से रथ मैदान तक लाया गया जहां से रघुनाथ जी की प्रतिमा को पालकी में प्रतिष्ठित करके उनके कारकूनों, हारियानों और सेवकों ने ढोल-नगाड़ों व जयकारों के उदघोषों के साथ रघुनाथ में उनके स्थाई मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद स्थापित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की छठी सांस्कृतिक संध्या बॉलीवुड सिंगर पलक और पलाश मुच्छल के नाम रही। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ कुल्लुवी नाटी के साथ किया गया। गायिका पलक ने मंच पर आते ही फिल्मी और पंजाबी गानों की बरसात कर दी। वहीं, उनके भाई पलाश मुच्छल ने पार्टी तो बनती है और गुलाबी आंखे तेरी गाने गाकर समा बांधे रखा।