इस रैली का नाम ‘विकास से विजय की ओर’ दिया गया है जिसमें कांग्रेस अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का बखान करेगी व केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के गलत ठहराने का प्रयास करेगी।
शुक्रवार को रैली स्थल का प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिदें व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया था। इन सब के बीच इस समय बड़ा सवाल ये तैर रहा है कि क्या राहुल गांधी की रैली हिमाचल कांग्रेस के दो सुरों को एक कर पाएगी?
रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद मोर्चे पर डटे थे। उनके साथ हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे व सह प्रभारी रंजीत रंजन भी मौजूद हैं। वीरभद्र सिंह का पूरा प्रयास है कि वो रैली में प्रमुख तौर पर छाए रहें। वीरभद्र सिंह रैली में राहुल गांधी के सामने शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
आपको बता दें कि आलाकमान ने ऐन चुनाव के समय पीसीसी चीफ को हटाने से इनकार किया और वीरभद्र सिंह को मुख्य चेहरा बनाकर विवाद का हल करने की कोशिश की। हाईकमान के इस हस्तक्षेप के बाद हिमाचल कांग्रेस में पहली बार कोई बड़ा इवेंट हो रहा है। ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राहुल गांधी की रैली चुनावी साल में वीरभद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह के बीच एकजुटता का काम करेगी?