इसके अलावा हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने भी मंच से वीरभद्र सिंह की प्रशंसा की। मंच संचालन का जिम्मा संभाल रहे हिमाचल के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी वीरभद्र सिंह के 55 साल के राजनीतिक जीवन की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े। मंच के सामने एक बड़ा बैनर लगा था, जिसमें केवल और केवल वीरभद्र सिंह का नाम था।
भाषण की समाप्ति पर राहुल गांधी जब मंच से सभी कांग्रेस नेताओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़े तो उन्होंने सिर्फ वीरभद्र सिंह से ही हाथ मिलाया। पूरी रैली में सरकार के कामकाज का ही गुणगान होता रहा। संगठन को एक दफा भी किसी बात के लिए क्रेडिट नहीं दिया गया। राहुल गांधी के भाषण का अधिकांश हिस्सा वीरभद्र सरकार के कामकाज पर केंद्रित था। फिर बात चाहे सामाजिक सुरक्षा पेंशन की हो, बेरोजगारी भत्ते की, शिक्षण संस्थान खोलने या फिर सरकारी नौकरी देने की।
राहुल गांधी ने हर काम के लिए वीरभद्र सरकार की प्रशंसा की। रैली में मौजूद वीरभद्र समर्थकों ने कई बार राजा साहिब जिंदाबाद के नारे लगाए। एक दफा तो राजा साहिब जिंदाबाद के नारे इस कदर गूंजे कि राहुल गांधी को भी मंच से यह कहना पड़ा कि आप राजा साहिब बोलते हो, मैं कहता हूं कि ये फकीर हैं और दिल से काम करते हैं।
कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि वीरभद्र सिंह अनुभवी राजनेता हैं और उनके नेतृत्व में सरकार ने विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं। और तो और शिंदे ने मंच पर से जोरदार नारा भी लगाया-राजा नहीं फकीर है, हिमाचल की तकदीर है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर और राज्य कांग्रेस की सह-प्रभारी रंजीत रंजन ने भी वीरभद्र सरकार के कामकाज की तारीफ की। मंडी के पड्डल मैदान भी चारों तरफ लगे बैनर वीरभद्र सिंह की फोटो से भरे हुए थे। कुल मिलाकर राहुल गांधी की मंडी रैली से वीरभद्र सिंह ही चुनाव में कांग्रेस के मुख्य चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट हुए हैं।