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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश ए.के. गोयल ने दिया भारतीय संविधान के विभिन्न पक्षों पर वक्तव्य…

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हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने समाज को भारतीय संविधान के विभिन्न पक्षों से अवगत करवाने के दृष्टिगत आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में ‘भारतीय संविधान के विभिन्न पक्ष’ पर वक्तव्य का आयोजन किया। भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश आदर्श कुमार गोयल ने आयोजन का उद्घाटन किया।
न्यायधीश ए.के. गोयल ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में शिमला शहर को आकर्षण का केन्द्र बताया तथा सादगी के लिए प्रदेश के लोगों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विधि सेवा प्राधिकरण सभी को न्याय प्रदान करने में अपनी बेहतरीन सेवाएं दे रहा है। उन्होंने संविधान सभा में डॉ. बी.आर अम्बेडकर द्वारा दिए गए समापन भाषण का उदाहरण देते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर महानतम कानूनविद्व थे। उन्होंने कहा कि संविधान को अपनाने का निर्णायक उद्देश्य सभी के लिए न्याय सुनिश्चित बनाना था जो कि भारतीय संविधान की आत्मा है तथा इसे संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया।
‘कानून के शासन’ के बारे में बात करते हुए न्यायधीश गोयल ने कहा कि महाभारत तथा रामायण जैसे महान ग्रन्थों में हमें ऐसे कई उदाहरण मिलते है जिसके माध्यम से दर्शाया गया है कि किस प्रकार उस समय समाज में कानून व्यवस्था कायम रखी गई। उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक काल के दौरान कुशल शासन के लिए उपयुक्त कानून बनाए गए थे।
न्यायधीश गोयल ने कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान भारत में कानून व्यवस्था थी लेकिन आम लोगों न्याय प्रदान नहीं होता था। उन्होंने कहा कि देश की प्रथम व सर्वोच्च जिम्मेवारी है कि लोगों के कल्याण व न्याय को सुनिश्चित बनाए, जो कि संविधान का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि संविधानसभा में महान न्यायधीशों ने परिचर्चा की कि किस तरह समानता, आजादी व भाईचारे के सिद्धान्तों व सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे किसी व्यक्ति को नायक मानकर अनुसरण न करें बल्कि संविधान की सच्ची भावना को समझकर उसका अनुसरण करें।
 उन्हांने व्यतव्य श्रृंखला के आयोजन के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की सराहना की।
अपने स्वागत सम्बोधन में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायधीश संजय करोल ने कहा कि न्यायधीश गोयल एक महान विद्वान है तथा उन्होंने वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए कई निर्णायक निर्णय दिए हैं।
इस अवसर पर न्यायधीश त्रिलोक सिंह चौहान, न्यायधीश सुरेश्वर ठाकुर, न्यायधीश विवेक सिंह ठाकुर, न्यायधीश अजय मोहन गोयल, न्यायधीश सन्दीप शर्मा, न्यायधीश सी.बी. बरोवालिया, हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष श्री वी.के. शर्मा, राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष श्री पी.एस. राणा, भारत के सहायक सोलिस्टर जनरल के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार संघ के अध्यक्ष, वरिष्ठ वकील तथा बार एसोसिएशन के सदस्य, सचिव विधि, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश विधि सेवाएं के सदस्य सचिव व प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अकादमी के निदेशक व उप निदेशक, 300 विधि छात्र तथा विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने भी आयोजन में भाग लिया।

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