दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाने को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गई हैं. अब दिल्ली सरकार ने ख़ुद मेट्रो चलाने का प्रस्ताव रखा है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर केंद्र चाहे तो दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने को तैयार है.केजरीवाल ने कोलकाता मेट्रो की मिसाल देते हुए कहा कि जब केंद्र कोलकाता मेट्रो के नुकसान की पूरी भरपाई खुद कर रही है तो दिल्ली मेट्रो के लिए आधा भार क्यों नहीं उठा सकती? मेट्रो के नुक़सान की भरपाई के लिए शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के 3,000 करोड़ रुपये मांगने के जवाब में केजरीवाल ने लिखा कि डीएमआरसी में केंद्र और दिल्ली सरकार की बराबर की भागीदारी है. हम नुक़सान की आधी रक़म देने को तैयार हैं. बाक़ी की आधी रक़म केंद्र सरकार दे.
उल्लेखनीय है कि समिति की सिफारिश के आधार पर डीएमआरसी ने दस अक्टूबर से प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को लागू करने का फैसला किया है. केजरीवाल सरकार इसे रोकने के लिये केन्द्र सरकार पर लगातार दबाब बना रही है. केजरीवाल ने समिति के फैसले को बाध्यकारी बताने की पुरी की दलील को भी गलत बताया है. उन्होंने कहा कि अगर समिति आठ महीने तक किराये में इजाफे के प्रस्ताव को निलंबित रख सकती है तो दिल्ली वालों के हित में दिल्ली सरकार के अनुरोध पर इस मामले का सर्वमान्य हल निकलने तक इसे कुछ महीनों तक और टालने में मेट्रो प्रबंधन को क्या परेशानी है.