उन्होंने कहा कि वह देशहित की बात करते हैं तो लोग इसे राजनीति से जोड़कर देखते हैं। वह देशभक्त हैं लेकिन राजनेता नहीं। आगामी कम से कम तीन साल तक तो किसी भी दल से नहीं जुड़ेंगे। हिमाचल से उन्हें मुख्यमंत्री प्रस्तावित किए जाने के सवाल पर अनुपम खेर ने कहा कि इस सिलसिले में उन्हें कई लोगों के ई-मेल आते रहे हैं। लेकिन ना तो उन्होंने कभी इस बारे में गंभीरता से विचार किया और ना ही अभी तक किसी पार्टी ने उन्हें ऐसा कोई न्यौता दिया है।गौर हो कि अभिनेता अनुपम खेर के इस बार हिमाचल में विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। उन्होंने अभी हाल ही में शिमला में अपना घर भी बनाया है। और इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई थी कि वह शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते है। लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने की अटकलों पर पूरी तरफ से विराम लगा दिया है।
अनुपम खेर ने मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों की यादें भी उपस्थित लोगों से शेयर की। खेर ने कहा कि कड़े संघर्ष के बाद उन्हें फिल्म सांराश मिली। इसके लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की, लेकिन प्रोड्यूसर के दबाव में अंतिम समय में उनकी भूमिका संजीव कुमार को दे दी गई। उन्होंने विरोध किया और आखिरकार वह भूमिका उन्हें ही मिली। इसके बाद खेर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस दौरान अनुपम खेर ने खुशवंत सिंह लिट्फेस्ट के अगले संस्करण से हर वर्ष सर्वश्रेष्ठ नए लेखक के लिए अपनी ओर से एक लाख का ईनाम देने की भी घोषणा की।