देश में पहली बार मध्यप्रदेश में खरीफ-2017 से लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द और अरहर के लिये अब तक 6 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस योजना में पंजीयन का कार्य 11 सितम्बर से शुरू किया गया था। इस योजना में पंजीयन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर निश्चित है। प्रमुख सचिव किसान-कल्याण श्री राजेश राजौरा ने बताया है कि 15 अक्टूबर तक योजना में 15 लाख किसानों द्वारा पंजीयन करवाने का अनुमान है। उज्जैन, देवास, राजगढ़ और सीहोर जिले में बड़ी संख्या में किसान इस योजना में अपना पंजीयन करवा रहे हैं।
पंजीयन का कार्य गेहूँ तथा धान के ई-उपार्जन का पंजीयन कर रही राज्य की 3500 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में किया जा रहा है। प्रदेश में 4 अक्टूबर से 257 कृषि उपज मण्डियों में भी पंजीयन का कार्य शुरू हो गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि मक्का में बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 100 से 250 रुपये, तुअर में 800 से 1000 रुपये और सोयाबीन में 100 से 250 रुपये प्रति क्विंटल कम है। इस वजह से किसानों को मुख्यमंत्री भावांतर योजना में लाभ मिलेगा। योजना में करीब 4 लाख किसानों ने सोयाबीन के लिये, करीब एक लाख 50 हजार किसानों ने उड़द के लिये और करीब 50 हजार किसानों ने अन्य फसलों के लिये पंजीयन करवाया है।
मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का लाभ लेने के लिये किसान का मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। योजना के लिये पोर्टल भी तैयार किया गया है। पोर्टल पर पंजीयन के समय किसान द्वारा स्वयं का आधार-कार्ड क्रमांक, समग्र क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक तथा मोबाइल नम्बर दर्ज करवाना अनिवार्य किया गया है। किसान इस योजना की जानकारी अपने गाँव अथवा क्षेत्र के कृषि विभाग के अधिकारी से प्राप्त कर सकते हैं।
योजना की प्रगति
- प्रदेश में 6 लाख किसानों ने अब तक करवाया है पंजीयन। योजना में 15 लाख किसानों द्वारा पंजीयन करवाने का अनुमान।
- 15 अक्टूबर तक हो सकेगा पंजीयन।
- मक्का में 100 से 250 रूपये, तुअर में 800 से 1000 रूपये और सोयाबीन में 100 से 250 रूपये तक एमएसपी से कम चल रहा है बाजार भाव।