संभागीय समीक्षा बैठक में मीना कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीना ने निर्देश दिए कि खंड स्तर पर आयोजित होने वाले शिविरों में सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि रबी में भी ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा योजना से लाभान्वित करने के लिए अपेक्षित कदम उठाए जाएं।
किसी भी स्थिति में अमानक खाद या बीज की बिक्री न होने दी जाए और ऐसे मामलों में संलिप्त विक्रेताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मीना ने रबी ऋण वितरण के बारे में भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने उद्यानिकी अधिकारियों को क्लस्टर एप्रोच अपनाने के लिए पाबंद किया ताकि क्षेत्राच्छादन और उपज में बढ़ोतरी हो।
एपीसी ने रासायनिक उर्वरकों की बजाए जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने संभाग में रबी की विभिन्न फसलों के लिए बीज के इंतजामों की बाबत् भी अधिकारियों से दरयाफ्त किया। मीना ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों और अधिकारियों के बीच संवादहीनता की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बीज की जिलेवार मांग और उपलब्धता की समीक्षा भी की।
एपीसी ने कहा कि किसानों को निगम से बीज उपलब्ध कराया जाए ताकि उन्हें इसके लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर न होना पड़े। मीना ने किसानों की आय दोगुनी करने के सिलसिले में रोडमैप के बारे में भी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। प्रमुख सचिव सहकारिता के.सी. गुप्ता ने कहा कि किसानों को सहकारिता से जोड़ने के लिए नवीन सदस्य बनाए जाने की दिशा में पहल की जानी चाहिए। संचालक कृषि कल्याण मोहनलाल मीणा ने भी इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न ग्रामों की समस्याएं अलग-अलग होने के कारण ग्रामवार माइक्रो लेवल प्लानिंग करनी होगी।