इस बार अहोई अष्टमी गुरुवार 12 अक्टूबर को है. अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतानों के लिए रखती हैं. इस व्रत से संतानों को सुखी जीवन, सेहत, धन और करियर में प्रगति का वरदान प्राप्त होता है.
अगर किसी वजह से आपका पुत्र या पुत्री नि:संतान हैं और संतान प्राप्ति की सारी कोशिशें नाकाम हो रही हैं तो इस दिन किए गए उपायों से संतान सुख प्राप्त होता है. अहोई अष्टमी के दिन किए उपाय आपकी हर मुश्किल दूर कर सकता है…अहोई माता को पूजन के दौरान दूध-भात और लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद लाल फूल हाथ में लेकर संतान के करियर और शिक्षा की प्रार्थना करें. संतान को अपने हाथों से दूध भात खिलाएं. फिर लाल फूल अपनी संतान के हाथों में दे दें और फूल को सुरक्षित रखने को कहें.
अगर संतान के वैवाहिक या पारिवारिक जीवन में बाधा आ रही हो
– अहोई माता को गुड़ का भोग लगाए और एक चांदी की चेन अर्पित करें.
– मां पार्वती के मंत्र – “ॐ ह्रीं उमाये नमः” 108 बार जाप करें.
– संतान को गुड़ खिलाएं और अपने हाथों से उसके गले में चेन पहनाएं.
अगर संतान को संतान नहीं हो पा रही हो
– अहोई माता और शिव जी को दूध भात का भोग लगायें
– चांदी की नौ मोतियां लेकर लाल धागे में पिरो कर माला बनायें
– अहोई माता को माला अर्पित करें और संतान को संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें
– पूजा के उपरान्त अपनी संतान और उसके जीवन साथी को दूध भात खिलाएं
– अगर बेटे को संतान नहीं हो रही हो या बहू को और बेटी को संतान नहीं हो पा रही हो तो माला धारण करवाएं.