दरअसल रविवार को मुठभेड़ की रात शहीद जेसीओ सूबेदार राजकुमार की पत्नी तोशी देवी ने करवाचौथ पर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा हुआ था। करवाचौथ का व्रत होने के चलते आतंकवादियों से लोहा लेने जाने से पहले जवान राजकुमार ने अपनी पत्नी तोशी से फोन पर बात की थी, फोन पर जवान ने अपनी पत्नी से कहा था कि अब खाना खा लो, मैं ड्यूटी पर जा रहा हूं, अब सुबह बात करूंगा।पति से बात करने के बाद पत्नी तोशी ने अपना करवाचौथ का व्रत खोला था। लेकिन तोशी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वह उनका अंतिम करवचौथ व्रत साबित होगा और वह अब कभी अपने पत्नी का चेहरा नहीं देख पाएंगी। इसके कुछ देर बाद जम्मू-कश्मीर के बड़गांव में राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी पर हुए आतंकी हमले में सूबेदार राज कुमार शहीद हो गए।
उत्तरी कश्मीर में बडगाम जिले के ड्रांग में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के जेसीओ सूबेदार राज कुमार शहीद हो गए हैं।
बताया जाता है कि जब शहीद राज कुमार रात्रि गश्त के बाद डयूटी से लौट रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया। लेकिन जवाबी कार्रवाई और आतंकियों से लोहा लेते सूबेदार राज कुमार जख्मी हो गए। क्रॉस फायरिंग में राजकुमार के पेट पर गोली लगी थी। इसके बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन बुरी तरह जख्मी होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
बडगाम में तैनात शहीद राज कुमार राष्ट्रीय राइफल की 53वीं ईकाई में सूबेदार थे। उनका जन्म 9 मार्च 1970 को हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में नूरपुर तहसील के तहत आने वाले गांव खन्नी में हुआ। 47 वर्षीय शहीद राज कुमार ने 1990 में आर्मी ज्वाइन की थी।
मंगलवार को उनके पैतृक गांव खन्नी में पूर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार से आतंकियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करने की बात कहीं