इस पर स्वास्थ्य विभाग एवं इस कार्यक्रम से जुड़े अन्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिला प्रशासन ने पीठ थपथपाई है। सिरमौर जिला में गत 30 अगस्त से 9 अक्तूबर तक खसरा-रूबैला टीकाकरण अभियान बड़े प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया गया। इसमें 9 माह से 15 साल की आयु वर्ग के सभी 1,62,227 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास के सतत प्रयासों से इस अभियान को पूरा ही नहीं, बल्कि 1,68,684 बच्चों का टीकाकरण करके 104 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है।
जिला में कुल 1,619 सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान कार्यरत है, जिनमें दसवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी बच्चों को इस अभियान के तहत टीके लगाए गए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इसे जन आंदोलन का रूप दिया गया था और लोगों को विभिन्न संचार माध्यमों से जागरूक किया गया, ताकि कोई भी पात्र बच्चा टीका लगाने से वंचित न रह जाए। अभियान को सफल बनाने के लिए 153 टीमों का गठन किया गया था, जिनमें प्रशिक्षित एएनएम के अतिरिक्त संबधित क्षेत्र में कार्यरत दो आशावर्करज और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को टीम में शामिल किया गया था और इनके द्वारा जिला में निर्धारित स्थलों एवं शिक्षण संस्थाओं में पहुंचकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया।
दूसरी तरफ डीसी सिरमौर बीसी बडालिया ने अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित इस अभियान से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है। उधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डा. संजय शर्मा ने पूछे जाने पर बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संयुक्त तत्वाधान में इस कार्यक्रम को बेहतरीन ढंग से सफल पूर्ण किया गया है, जिसके लिए सभी बधाई के पात्र है।
खसरा एक जानलेवा रोग
सीएमओ ने बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है, जोकि वायरल द्वारा फैलता है, जिससे बच्चों में विकलांगता तथा कई बार असमायिक मृत्यु भी हो जाती है । इसी प्रकार रूबैला एक संक्रामण रोग है यह भी वायरल द्वारा फैलता है इसके लक्षण खसरा जैसे होते हैं।