वार्षिक सिंचाई क्षमता 40 लाख हेक्टेयर को बढ़ाकर 60 लाख हेक्टेयर किया जाएगा
प्रदेश में आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 162 सिंचाई परियोजनाएं क्रियान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इन परियोजनाओं से लगभग पौने तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में आने वाले सात वर्ष में वार्षिक सिंचाई लक्ष्य डेढ़ गुना हो जाएगा। वर्तमान में 40 लाख हेक्टेयर में वार्षिक सिंचाई के लक्ष्य को 60 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है।
मध्यप्रदेश में करीब पाँच हजार वृहद, मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाओं संचालित हो रही हैं। इनकी समग्र सिंचाई क्षमता 30.25 लाख हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश में जल संसाधन विभाग के साथ ही नर्मदा घाटी विकास विभाग और ग्रामीण विकास विभाग आने वाले वर्षों में सिंचाई रकबा बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
प्रदेश में वर्ष 2013-14 से 2016-17 के मध्य जल संसाधन विभाग ने दो वृहद सिंचाई परियोजनाएं, नौ मध्यम सिंचाई परियोजनाएं और 725 लघु सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर 5.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित की है। प्रदेश में पिछले चार वर्ष में जल संसाधन संभाग का वार्षिक सिंचाई रकबा 25.46 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.02 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस अवधि में रबी सिंचाई भी 23.30 लाख से बढ़कर 26.51 लाख हेक्टेयर हो गई है। कमाण्ड एरिया डेवलपमेंट प्रोगाम में पिछले चार वर्ष में 3.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फिल्ड चैनल और वॉटर कोर्स का निर्माण भी किया गया है। राज्य में उपलब्ध जल का किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इस उद्देश्य से सभी नई और मध्यम परियोजनाओं में खुली नहर के स्थान पर प्रेशराइज्ड पाइप लाइन के माध्यम से इस स्प्रिंकलर और ड्रिप प्रणाली से सिंचाई का प्रावधान रखा गया है।