आरुषि और हेमराज हत्याकांड के मामले में बरी कर दिए गये गए राजेश और नुपुर तलवार सोमवार को गाजियाबाद की डासना जेल से बाहर आ सकते हैं. सीबीआई अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद राजेश और नुपुर 2013 से डासना जेल में बंद हैं. हालांकि राजेश और नुपुर तलवार हर 15 दिनों के अंतर में गाजियाबाद की डासना जाकर उन मरीजों को देखेंगे जो दांत की समस्या से पीड़ित हैं.
तलवार दंपति के वकील तनवीर मीर अहमद ने पहले ही कहा था कि उनकी रिहाई सोमवार को हो सकती है क्योंकि कल महीने का दूसरा शनिवार है. डासना जेल के अधीक्षक दधिराम मौर्य ने कहा थाअदालती आदेश मिलने के बाद हम उनको रिहा करेंगे. उन्होंने कहा कि किसी कैदी को जेल से रिहा करने की प्रक्रिया को पूरा करने के दो तरीके हैं.
जेल अधीक्षक ने कहा, या तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति सीधे जेल प्रशासन को भेजी जाए या फिर इसे सीबीआई अदालत के जरिए भेजा जाए जिसने उनको उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मौर्य ने कहा था, ‘‘99 फीसदी मामलों में हमें डाक के जरिए अदालती आदेश की प्रति मिलती है. अगर हमें फैसले की हॉर्ड कॉपी सीधे सौंप दी जाएगी तो हम उनको रिहा कर देंगे.इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2008 के इस दोहरे हत्याकांड के मामले में तलावार दंपति को बरी कर दिया था. आरुषि इस दंपति की बेटी थी और हेमराज घरेलू सहायक था.