राहुल गांधी ने वीरभद्र सिंह को चुनाव प्रचार कमेटी का मुखिया बनाया है। पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष थे। वीरभद्र सिंह विधानसभा चुनाव की सारी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। यही कारण है कि वो शुरू से ही टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति में फ्री हैंड दिए जाने की मांग कर रहे थे। सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी व अन्यों के साथ मुलाकात के बाद वीरभद्र सिंह हाईकमान को यह संदेश देने में सफल रहे कि उन्हें चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा तो पार्टी को और मजबूती मिलेगी।
बाद में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विेद्वी की तरफ से बाकायदा प्रेस बयान जारी कर ये ऐलान किया गया कि अब वीरभद्र सिंह चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा तेजतर्रार महिला नेता आशा कुमारी को प्रदेश चुनाव कमेटी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। जनार्दन द्विवेदी के प्रेस बयान में साफ-साफ लिखा गया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने वीरभद्र सिंह को चुनाव प्रचार समिति का मुखिया तय करने को मंजूरी दी है।
वीरभद्र सिंह हाईकमान को ये बात समझाने में सफल हुए हैं कि मिशन रिपीट उनके बिना संभव नहीं है। पांच दशक से भी अधिक समय से चुनावी राजनीति के माहिर वीरभद्र सिंह हिमाचल की जनता की नब्ज पहचानने में दक्ष हैं। जननेता होने के कारण आलाकमान भी उनकी अनदेखी नहीं कर पा रहा। हालांकि वीरभद्र विरोधी खेमे ने कई मर्तबा उनको साइड लाइन करने का प्रयास किया, लेकिन ताजा घटनाक्रम से ये साबित हो गया है कि वीरभद्र सिंह राहुल गांधी को कन्विंस करने में सफल हुए हैं।
अब हिमाचल में चुनाव प्रचार की रूपरेखा भी वीरभद्र सिंह के दिशा-निर्देश के अनुसार ही तय होगी। वहीं, दिल्ली में वीरभद्र सिंह ने ये दावा किया कि मिशन रिपीट का कांग्रेस का सपना जरूर पूरा होगा। अनिल शर्मा के भाजपा में जाने पर उनका कहना था कि इससे पार्टी को फर्क नहीं पड़ता। वहीं, जीएस बाली व सुखविंद्र सिंह से मतभेद को भी उन्होंने नकार दिया और इसे बीते जमाने की बात बताया है।