भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई ) ने देशभर के तकरीबन 10 हजार आधार सेंटरों को इनएक्टिव कर दिया है। सबसे ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर( सीएससी ) के 6 हजार आधार केंद्रों को इनएक्टिव किया गया है। अकेले मप्र में ही सीएससी के 300 आधार केंद्रों की मशीनों ने बुधवार को काम करना बंद कर दिया। यूआईडीएआई ने यह कार्रवाई 28 जून 2017 को जारी आदेश का पालन न होने पर की है।
आदेश में कहा गया था कि 30 अगस्त के बाद से निजी भवनों में आधार सेंटर संचालित नहीं होंगे। एक सितंबर से पूरे देश में आधार सेंटरों को बैंक, पोस्ट ऑफिस और राज्य सरकारों के कार्यालयों में ही संचालित किया जाएगा। यूआईडीएआई को मप्र सहित देश के कई राज्यों से शिकायतें मिल रही थीं कि आधार सेंटरों पर नि:शुल्क किए जाने वाले पंजीयन के लिए भी उनसे अवैध रूप से 50 से 80 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। शेष | संशोधन के लिए भी निर्धारित फीस से अधिक पैसा वसूला जाता है।
हमारी कंपनी के अब तक 6 हजार आधार सेंटरों की मशीनों को इनएक्टिव किया जा चुका है। मप्र में बुधवार को लगभग 300 सेंटरों की मशीनों को इनएक्टिव किया गया। हम अपने क्षेत्रीय अधिकारियों के माध्यम से अपने आधार सेंटरों के ऑपरेटरों से बात कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द सरकारी कार्यालयों में शिफ्ट कराने की कोशिश कर रहे हैं। हमें दिसंबर तक का वक्त और मिल गया है।
निजी भवनों में चलने वाले आधार सेंटरों पर अवैध वसूली की शिकायतों के आने के बाद ही हमने उन्हें बैंक, पोस्ट ऑफिस और राज्य सरकारों के कार्यालयों में शिफ्ट कराने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश का पालन नहीं करने वाले आधार सेंटरों की मशीनों को ही इन एक्टिव किया जा रहा है। जो सरकारी कार्यालयों में शिफ्ट हो रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
यूआईडीएआई के अधिकारियों के अनुसार सीएससी के बाद एमपी ऑनलाइन, आई-सेक्ट, नेटलिंक, लायरा, शुभ इंटरप्राइजेस, ओसवाल कंप्यूटर आदि के आधार सेंटरों पर कार्रवाई होगी। मप्र में विभिन्न कंपनियों के 1314 आधार केंद्र हैं। इनमें से अधिकतर निजी भवनों में ही संचालित हो रहे हैं।चारों महानगरों में कुल केंद्र 249 हैं। इनमें सीएससी के 50 हैं, जहां आधार पंजीयन और संशोधन के काम नहीं हो पाएंगे। मप्र के शेष 47 जिलों में भी सीएससी के सेंटरों पर मशीनों के इनएक्टिव होने से आधार पंजीयन का काम नहीं होगा।