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नहीं हारा एक भी चुनाव, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज इस राजनेता का नाम…

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विधानसभा चुनाव में महेंद्र सिंह ठाकुर लगातार जीत का सिक्सर लगा चुके हैं। इस बार सातवीं दफा चुनावी मैदान में हैं। मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले महेंद्र सिंह के राजनीतिक जीवन के बारे में जानना दिलचस्प है। महेंद्र सिंह ठाकुर का जन्म मंडी जिला के रिच्छी गांव में 22 फरवरी 1950 को हुआ था। अंडर ग्रेजुएट महेंद्र सिंह ने भारतीय सेना में सेवाएं दी हैं। सेना से सेवानिवृत होकर महेंद्र सिंह ठाकुर राजनीति के रण में कूद पड़े और गजब के परिणाम दिए।
महज चालीस साल की आयु में महेंद्र सिंह ने वर्ष 1990 में पहला विधानसभा चुनाव आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और जीत हासिल की। चुनाव प्रबंधन में गजब की महारत रखने वाले महेंद्र सिंह ने इसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और लगातार विजयश्री उनके कदम चूमती गई। उसके बाद महेंद्र सिंह ने पांच बार अलग-अलग चुनाव चिन्ह के माध्यम से विधानसभा चुनाव लडक़र जीत का डंका बजाया। यही अनोखा रिकार्ड गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड में दर्ज करने के लिए अनुशंसित हुआ था। यही नहीं, वे जिस भी चुनाव में पार्टी विशेष के प्रभारी बने, तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उस चुनाव में विजय पताका फहराई है।
महेंद्र सिंह के बारे में मशहूर है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र में पडऩे वाले हर घर के मुखिया व परिवार के सदस्यों के न केवल नाम जानते हैं, बल्कि उनके घरेलू हालात की भी जानकारी रखते हैं। यही कारण है कि धर्मपुर के अधिकांश लोग चुनाव के दौरान आंख मूंदकर महेंद्र सिंह के नाम पर मुहर लगा देते हैं। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1990 में हुई। उन्होंने पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और जीत गए। उसके बाद वर्ष 1993 में हुए मध्यावधि चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की।
फिर प्रदेश में राजनीतिक गणित ने करवट ली। कांग्रेस ने नाराज पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस के नाम से क्षेत्रीय दल का गठन किया। वर्ष 1998 में महेंद्र सिंह ने हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर विजयी हुए। अगले चुनाव में महेंद्र सिंह ने हिम लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन किया और उसके बैनर तले चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे। अगला टिकट उन्हें भाजपा का मिला। वे फिर चुनाव जीत गए। हिविकां के टिकट पर चुनाव जीत कर महेंद्र सिंह भाजपा-हिविकां सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहे।
इससे पूर्व 2007 में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में वे परिवहन मंत्री रहे। मौजूदा विधानसभा में वे भाजपा के विधायक हैं। इस तरह वे छह बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं। दो बार भाजपा, एक दफा हिविकां, एक दफा कांग्रेस, एक बार आजाद और एक बार हिम लोकतांत्रिक मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीते महेंद्र सिंह इस बार भी भाजपा टिकट पर मैदान में हैं।
यहां इस बात का जिक्र करना दिलचस्प रहेगा कि वे लंच या डिनर पार्टी आदि में शिरकत तो जरूर करते हैं, लेकिन वहां खाना नहीं खाते। वे अपने घर का बना सादा खाना ही पसंद करते हैं। अपने खेतों में पैदा की गई साग-सब्जी और दालों सहित खुद के द्वारा पाली गई गाय-भैंसों का दूध-घी इस्तेमाल करते हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए वे अकसर केंद्रीय नेताओं के पास पहुंच जाते हैं और उनसे कई परियोजनाओं को स्वीकृत करवाते हैं। हाल ही में वे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल व धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 300 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत करवा लाए हैं।

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