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मध्यप्रदेश में नागरिकों को शासकीय सेवाओं को पाने का अधिकार….

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मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्रदेश के नागरिकों को समय-सीमा में सेवाएँ प्रदान करने की कानूनी गारंटी प्रदान की है। इसके बाद 20 अन्य राज्यों ने भी इस तरह के कानून को अपने राज्यों में क्रियान्वित किया है। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के दायरे में अब तक कुल 42 शासकीय विभाग की 372 सेवाओं को लिया गया है। इसमें विभिन्न वर्ग जैसे- शिक्षा से जुड़ी लगभग 80, हितग्राही-मूलक लगभग 40, किसानों से जुड़ी लगभग 30, व्यवसायी वर्ग से जुड़ी लगभग 50 से अधिक सेवाएँ हैं।

नागरिक सुविधा को देखते हुए राज्य शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड एवं तहसील मुख्यालय पर पब्लिक-प्रायवेट पार्टनरशिप के आधार पर 413 लोक सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन केन्द्रों पर सेवाओं के ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की गयी है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की सेवाओं तक पहुँच को आसन बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी एम.पी. ऑनलाइन एवं सीएससी कियोस्क के माध्यम से भी चिन्हित सेवाएँ नागरिकों को दी जा रही हैं। नागरिक घर बैठे भी इंटरनेट के जरिये पोर्टल mpedistrict एवं mponline से चिन्हित सेवाओं के लिये आवेदन कर सेवा प्राप्त कर सकते हैं।

अधिनियम के जरिए अब तक 5 करोड़ से अधिक ऑनलाइन आवेदन दर्ज किये जाकर नागरिक सेवाएँ प्रदान की जा चुकी है। अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं बेहतर मॉनीटरिंग के लिए विभाग द्वारा पृथक से डाटा एनालिटिक्स टीम स्थापित कर डेशबोर्ड तैयार करवाया गया है। सेवाओं के ऑनलाइन जारी किये जाने वाले सर्टिफिकेट/प्रमाण-पत्रों की डिजिटल हस्ताक्षरित रिपॉजिटरी तैयार की गयी है।

सेवा प्राप्त न होने पर अपील कैसे करें

लोक सेवा गारंटी कानून आम नागरिक को सेवा प्राप्त करने का अधिकार देता है। कानून में समय-सीमा में सेवा उपलब्ध नहीं होने पर या निराकरण से संतुष्ट नहीं होने पर नागरिकों को दो अपील करने का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार का उपयोग आम नागरिक कर सकता है।

सेवा प्राप्त करने के लिए लोक सेवा केन्द्र द्वारा दी गई रसीद आपको दी जाने वाली सेवा की समय-सीमा बताती है। इसके लिये आवेदन-पत्र की पावती लेना जरूरी है। रसीद में दी गई समय-सीमा में सेवा नहीं मिलने पर आवेदक प्रथम अपील अधिकारी के यहाँ आवेदन लगा सकता है। पदाभिहित अधिकारी के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर भी आवेदक प्रथम अपील अधिकारी को अपील कर सकता है।

प्रथम अपील के लिए आवेदन प्रथम अपील अधिकारी के कार्यालय में अथवा लोक सेवा केन्द्र पर देना होगा। प्रथम अपील अधिकारी से न्याय नहीं मिलने पर आवेदक द्वितीय अपील अधिकारी को आवेदन कर सकता है।

द्वितीय अपील प्रथम अपील आदेश के 60 दिवस के अंदर की जा सकती है। इसके लिए आवेदन द्वितीय अपील अधिकारी के कार्यालय में अथवा लोक सेवा केन्द्र पर देना होगा। द्वितीय अपीलीय अधिकारी को यह अधिकार है कि पदाभिहित अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय अधिकारी के दोषी पाये जाने पर कम से कम 500 तथा अधिकतम 5000 रुपये तक जुर्माना लगा सकेगा। द्वितीय अपीलीय अधिकारी लगाये गये अर्थदण्ड में से आवेदक को हर्जाने के रूप में राशि के भुगतान का आदेश भी कर सकता है। प्रथम एवं द्वितीय अपील अधिकारी की जानकारी आपके लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त की जा सकती है।

किस विभाग की कितनी सेवाएँ

अधिनियम के दायरे में ऊर्जा विभाग की 18, श्रम की 31, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की 3, राजस्व की 16, नगरीय प्रशासन की 8, सामान्य प्रशासन की 4, सामाजिक न्याय की 19, आदिम-जाति कल्याण की एक, खाद्य-नागरिक आपूर्ति की 12, नाप-तौल की 19, वन की 5, गृह की 6, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की 10, मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल की 5, खाद्य एवं औषधि प्रशासन की 21, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास की 6, राज्य कृषि विपणन बोर्ड की 18, महिला-बाल विकास की 2, परिवहन की 17, पंचायत एवं ग्रामीण विकास की 7, पर्यावरण की 20, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी की 8, वित्त की 3, वाणिज्य-उद्योग एवं रोजगार की 7, कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएँ की 3, मध्यप्रदेश ट्रायफेक की एक, मध्यप्रदेश संचालक वाष्प यंत्र की एक, उच्च शिक्षा की 10, पर्यटन की 6, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की 6, चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल की 6, मध्यप्रदेश डेंटल काउंसिल की 16, मध्यप्रदेश पेरा-मेडिकल काउंसिल की 11, मध्यप्रदेश नर्सेस काउंसिल की 15, आयुष की 5, लोक निर्माण की 3, आबकारी की 2, सहकारिता की 4, तकनीकी शिक्षा की 10, जल-संसाधन की एक और स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 4 एवं मदरसा बोर्ड की 2 सेवाएँ नागरिकों को प्रदाय की जा रही हैं।

उपलब्धियाँ

लोक सेवा प्रबंधन विभाग (राज्य लोक सेवा अभिकरण) द्वारा विभागों की सेवाओं को अधिसूचित करने के साथही सेवा प्रदाय प्रक्रिया सरलीकरण का काम भी किया गया है। अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं के ऑनलाइन प्रदाय के लिये लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा विकसित कराए गए पोर्टल mpedistrict पर सेवाओं हेतु जारी किये जाने वाले सर्टिफिकेट/प्रमाण-पत्रों की डिजिटल हस्ताक्षरित रेपोजिट्री तैयार की गयी है। इससे नागरिक भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर पोर्टल से सर्टिफिकेट/प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकता है।

डिजिटल हस्ताक्षरित सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश भर के लगभग 12 हजार से अधिक अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर बनवाए गए हैं। वर्ष 2014 से प्रदेश भर में अभियान चलाया जाकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के स्कूली छात्र-छात्राओं के 1 करोड़ 30 लाख से भी अधिक रंगीन लेमिनेटेड डिजिटल हस्ताक्षरित जाति प्रमाण-पत्र का नि:शुल्क प्रदाय किया गया।

अधिनियम में अधिसूचित विभागों के जिला एवं ब्लाक स्तर तक के कार्यालय में स्वान के माध्यम से फ्री इंटरनेट सुविधा तथा राजस्व कार्यालयों में कम्प्यूटर/हार्डवेयर उपलब्ध करवाये गये हैं। विभाग के अंतर्गत वर्ल्ड बैंक द्वारा पोषित MPCARS परियोजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों के लिए GPR (सेवा प्रदाय सरलीकरण), डाटा ऐनालिसिस एवं ऑफिस ऑटोमेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं।

सरकार और प्रशासन में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के लिए भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किये गये My Gov पोर्टल की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी mp.my.gov पोर्टल राज्य लोक सेवा अभिकरण के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 25 सितम्बर 2010 से प्रभावशील है। अधिनियम को अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत ‘राज्य लोक सेवा अभिकरण” की स्थापना की गई है।

 

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