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किस समय खाना चाहिए कौन सा फल….

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क्या आप कभी-कभी ब्रेकफास्ट के दौरान चीकू या नाशपाती का सेवन करते हैं? या फिर मन करने पर आधी रात को फ्रिज से सेब निकालकर उसे स्नैक्स की तरह खाने लगते हैं? एक्सपर्ट्स के मुताबिक आप फल सही खा रहे हैं लेकिन उसकी टाइमिंग गलत है। हालांकि बहुत लोग ऐसा मानते हैं कि हेल्दी फ्रूट आप कभी भी खा सकते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह सच नहीं है।

जितना जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर फलों का सेवन करना है उतना ही महत्वपूर्ण ये भी है कि वो सेवन किस समय किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक फलों का सेवन लंच और डिनर के साथ नहीं बल्कि उनके बीच में करना चाहिए। अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड हेल्थ स्टार्टअप प्योर न्यूट्रिशन के संस्थापक ल्यूक कॉटिन्हो के मुताबिक ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि फल पाचन प्रक्रिया को धीमा करते हैं। अगर आप कुछ हेल्दी खाना चाहते हैं, तो इसमें यह महत्वपूर्ण है कि आपकी बॉडी कितना अपना पाती है। चाय और कॉफी में टैनिन और कैफीन जैसे कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कि केले और चीकू में शामिल पोषक तत्वों का फायदा शरीर को पहुंचाने में बाधा उत्पन्न करते हैं।

कॉटिन्हो कहते हैं कि खाली पेट फलों का सेवन बेस्ट है। लंच या डिनर के बीच या फिर ब्रेकफास्ट या लंच के बीच, या फिर वर्कआउट के बाद अपनी बॉडी को रीफ्यूल करने के लिए फलों का सेवन करना चाहिए।

दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस कंसलटेंट शिखा शर्मा के मुताबिक अगर आप वजन कम करना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपको फलों में युक्त पोषक तत्वों का अधिकतम फायदा मिले, तो फलों का सेवन करने का सबसे उपयुक्त समय भोजन करने से 30 मिनट पहले हैं। फल खाने के बाद पेट में डायजेस्टिव एन्जाइम रिलीज होता है जिससे भोजन को पचाने में आसानी होती है। भोजन करने के तुरंत बाद खट्टे फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे पेट में एसिड बनने की संभावना रहती है। ऐसा करने पर आपको पाचन संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।

शर्मा के मुताबिक केला और चीकू जैसे फायबर से भरपूर फल वर्कआउट से पहले या उसके बाद खाने चाहिए।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक सीजनेबल फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए। फ्रूट्स बदल-बदल कर खाएं। इससे पोषक तत्वों की कमी बिल्कुल नहीं होगी और ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलेगा। इसके अलावा अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो आपको उसी के मुताबिक अपनी डाइट में फलों को शामिल करना चाहिए। जैसे अगर आपको किडनी संबंधी समस्या है तो आपको अपनी डाइट में सेब, पपीता, अमरूद और नाशपाती जैसे कम पोटेशियम वाले फल अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।

तरबूज
90 फीसदी पानी होने के कारण यह ब्लड प्रेशर उपयुक्त रखने में मदद करता है। इसमें विटामिन सी और कॉपर होता है जिससे कॉलागेन प्रोडक्शन और टिश्यू रिपेयर में सहायता मिलती है। इसमें लाइकोपीन भी होता है जो की सेल्स को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है।

पाइनेपल 
एंटीऑक्टिडेंट और मैगनीज व विटामिन जैसे खनिजों से भरपूर होने के चलते यह पाचन क्रिया को आसान बनाता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हड्डियां मजबूत बनती हैं।

केला
पोटेशियम होने के चलते इसका सेवन हृदय संबंधी बीमारियों से बचाता है।

अंगूर
पोटेशियम, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी होने के कारण अंगूर का सेवन अस्थमा, माइग्रेन और किडनी संबंधी समस्याओं से दूर रखता है।

खट्टे फल (साइट्रस फ्रूट्स)
अगर आप अस्वस्थ हैं तो संतरे या मौसमी जैसे फल आपको लिए काफी फायदेमंद रहते हैं। विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट जैसे तत्वों से युक्त ये फल रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाते हैं।

चीकू 
फायबर, आयरन, कॉपर, विटामिन सी और पेंटोथेनिक ऐसिड होने के कारण ये आंखों की रोशनी और त्वचा के लिए अच्छा रहता है।

नाशपाती
इसमें शामिल विटामिन के, कॉपर, पोटेशियम और बोरोन आर्थराइटिस व गठिया से बचाते हैं।

आम 
फायबर और विटामिन सी प्रचूर मात्रा में होने के कारण फलों का राजा कहा जाने वाला आम पाचन प्रक्रिया व हड्डियों को बेहतर रखने में मदद करता है।

सेब
इसमें युक्त प्रोटीन, डायट्री फायबर, एंटीऑक्सिडेंट कैंसर, हायपरटेंशन, डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों से बचाते हैं।

अनार 
अनार के जूस का एक कप आपके शरीर की रोजाना की फॉलिक एसिड, विटामिन ए, सी, ई और ऐलेजिक एसिड की 40 फीसदी जरूरत को पूरा करता है। एनीमिया और आर्थराइटिस के दर्द से निपटने में यह काफी कारगर फल है। डायरिया, रक्त संचार बेहतर बनाने में यह काफी लाभदायक है।

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