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स्वराज संस्थान और शौर्य स्मारक से प्रदेश को मिली नई पहचान…

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स्वराज संस्थान एवं भारतीय सेना के शहीदों की स्मृति एवं सम्मान में स्थापित ‘शौर्य स्मारक” ने मध्यप्रदेश को नयी पहचान दिलायी है।

स्वराज संस्थान स्वाधीनता संघर्ष और जन-जातीय चेतनाओं पर केन्द्रित लगातार हो रहे विभिन्न आयोजन जानकारी देने और सृजन से जोड़ने में कामयाब हुआ है। यह संस्थान धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र, जंगे आजादी और साहित्य जैसे अनेक गंभीर विषयों पर बातचीत एवं चर्चाओं के लिए संगोष्ठी, शोधार्थियों, विद्यार्थी, इतिहासकार और विद्वानों के लिए उपयोगी एवं सार्थक है। इसके जरिये स्वतंत्रता के अमर नायकों- वीरांगनाओं, महापुरुषों, कलम की लड़ाई से स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले लेखकों और साहित्यकारों का साक्षात्कार कराने के अदभुत प्रयास किये गए हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सृजनात्मक सोच के अनुरूप संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने इन प्रयासों को बखूबी अंजाम दिया है।

इस साल स्वराज संस्थान द्वारा अब तक 94 विभिन्न आयोजन तथा स्वराज वीथी एवं स्वराज सभागार में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से 43 प्रदर्शनी और 50 दिवसीय रचना-पाठ संगोष्ठियाँ आयोजित की गईं। अमर शहीदों के बलिदान और उनकी जयंती, पुण्य-तिथि के अवसर पर देशभक्ति गीत, कवि सम्मेलन, प्रदर्शनी, नृत्य-नाटिका, फिल्म प्रदर्शन, भजन संध्या आदि विविध गतिविधियों के माध्यम से ऐसे पलों को याद किया गया। पिछले एक साल में अमर शहीद तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई, वीरांगना दुर्गावती, राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह, टंट्या भील, बिरसा मुण्डा, अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे अनगिनत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों-महापुरुषों की जयंती एवं पुण्य-तिथि के मौके पर अनेक सार्थक आयोजन हुए हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 9 अगस्त, 2016 को प्रदेश आगमन पर चन्द्रशेखर आजाद नगर जिला अलीराजपुर में 70 साल आजादी ‘याद करो कुर्बानी” में आदि विद्रोही, अगस्त क्रांति, मध्यप्रदेश के क्रान्तिकारी एवं जरा याद करो कुर्बानी चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। भोपाल में 14 अगस्त 2016 को याद करो कुर्बानी चित्र प्रदर्शनी और 20-23 अगस्त को कटनी, अमझेरा (धार), छिन्दवाड़ा, बालाघाट, शिवपुरी, देवास, रतलाम, दमोह, इंदौर, खण्डवा, हरदा, सीहोर, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर में चित्र प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस साल जनवरी से अक्टूबर की अवधि में इस तरह के निरंतर आयोजन किए जा रहे हैं। अमर शहीद तात्या टोपे के बलिदान दिवस के मौके पर शिवपुरी में तात्या टोपे शहीद मेला में देशभक्ति गीत, बधाई, बुंदेली लोक-नृत्य एवं अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन के साथ मध्यप्रदेश के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों पर केन्द्रित ‘म.प्र. के रणबाँकुरे” प्रदर्शनी को काफी सराहा गया। मुक्ति संग्राम (1857) के 160 साल पूरे होने पर शहीद भवन भोपाल में कीर्ति बैले एण्ड परफार्मिंग आर्टस भोपाल के निर्देशन में ‘खूब लड़ी मर्दानी” नृत्य नाटिका का मंचन हुआ। शहीद भवन भोपाल में ‘आजाद बांसुरी” बाल नाट्य समारोह तथा चार दिवसीय नाट्य समारोह में जंगे आजादी मंत्र, अगस्त क्रांति, बुद्धिमान बुद्धूराम, रजिया बेगम, ईदगाह, बीरबल की बुद्धिमानी, चरणदास चोर जैसे नाटक की प्रस्तुति हुई।

स्वाधीनता संग्राम एवं जन-चेतना पर आधारित आदि विद्रोही नाट्य समारोह में चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोलकाता, पटना, रांची एवं भोपाल में बहु-प्रतिष्ठित रंग निर्देशकों के निर्देशन में नाटकों की प्रस्तुति की गई। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर युवा पीढ़ी में स्वतंत्रता आंदोलन की स्मृति में संजोये रखने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम हुआ। मुख्यमंत्री ने विद्यालय-महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता और भारत छोड़ो का संकल्प दिलाया। भारत छोड़ो आंदोलन पर केन्द्रित प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रही। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर शहीद भवन भोपाल में स्वाधीनता से लेकर स्वराज को समर्पित श्रृंखला देशराग के अंतर्गत देश के प्रमुख कवियों की रचनाओं की संगीतमयी प्रस्तुति ‘जय-जय हमारा भारत देश” का आयोजन हुआ।

इन सभी गतिविधियों के साथ ही आजादी के तरानों पर केन्द्रित साप्ताहिक रेडियो कार्यक्रम ‘वतन का राग” आकाशवाणी एवं विविध भारती के प्रदेश स्थित केन्द्रों के अलावा दिल्ली, मुम्बई एवं लखनऊ केन्द्र से नियमित प्रसारण प्रमुख है।

स्वाधीनता संग्राम स्वराज को समर्पित देश का पहला सामुदायिक रेडियो आजाद हिन्द भोपाल से ऑनलाइन प्रसारण रोजाना सुबह 7 बजे से रात्रि 10 बजे के बीच 4392 कार्यक्रमों का प्रसारण किया गया।

शौर्य स्मारक

राष्ट्र की सुरक्षा में जीवन बलिदान करने वाले शहीदों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर 2016 को ‘शौर्य स्मारक” का शुभारंभ किया। स्मारक की शौर्य वीथी में भारतीय सेना, वायु-सेना एवं नौ-सेना से संबंधित ऐतिहासिक जानकारी, चित्र, अस्त्र-शस्त्रों के छायाचित्र, टेबल टॉप मॉडल, स्केल मॉडल, विभिन्न शौर्य पदकों के विवरण और शौर्य से संबंधित प्रकाशन, दर्शकों को आकर्षित करते हैं। पिछले साल से अब तक 11 लाख 11 हजार युवा, छात्र-छात्राओं, गणमान्य नागरिकों ने शौर्य स्मारक की वीथियों को न केवल देखा बल्कि उसे सराहा भी है। शौर्य स्मारक की स्थापना में एक वर्ष पूरे होने पर 14 से 16 अक्टूबर तक स्मारक में मिलिट्री बैण्ड, ब्रास बैण्ड एवं जैज बैण्ड की जुगलबंदी, खूब लड़ी मर्दानी नृत्य-नाटिका एवं कवि-सम्मेलन किया गया। यह स्मारक शहर के बीचों-बीच स्थित है, प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। इस स्मारक का भू-दृश्यीकरण भोपाल शहर के प्राकृतिक सौंदर्य में और निखार लाया है। स्मारक में आने वाला प्रत्येक दर्शक अपने निजी अनुभव और कल्पना के आधार पर मेमोरियल से तादात्म्य स्थापित कर ऐसा परिवेशित हो जाता है कि आगंतुक के मन में सहज ही शहीदों के प्रति श्रद्धा भाव जागृत होता है। यह स्मारक चिनार पार्क के समीप 12.67 एकड़ भूमि पर निर्मित है। शौर्य स्मारक का निर्मित क्षेत्रफल लगभग 8 हजार वर्ग मीटर है तथा लागत 41 करोड़ रुपये है। देश की सुरक्षा में अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले प्रदेश के 283 जाँबाज सैनिकों के जन्म-दिन और पुण्य-तिथि पर यहाँ उनको खासतौर पर स्मरण किया जाता है।

देश के लिए प्राणोत्सर्ग करने वाले क्रान्तिवीरों-अमर शहीदों की याद में इसी वर्ष ‘एक शाम शहीदों के नाम” प्रख्यात अभिनेता गायक श्री अन्नू कपूर एवं दल ने देशभक्ति गीतों की सांगीतिक प्रस्तुति हुई। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर 12 अगस्त 2017 को स्मारक में 3 ईएमई सेंटर भोपाल द्वारा प्रस्तुत ब्रास बैण्ड एवं जैज बैण्ड की संगीतमयी जुगलबंदी प्रस्तुति और सैन्य आयुधों पर केन्द्रित प्रदर्शनी खास चर्चा का विषय रही। जून माह में सेना के शूरवीरों पर केन्द्रित फिल्मों का प्रदर्शन तथा एम्फी थियेटर (मुक्ताकाश मंच) में शौर्य फिल्म समारोह में 16 सैन्य फिल्मों को दिखाया गया। इस तरह शौर्य स्मारक भोपाल शहीदों के प्रति श्रद्धा और भावना व्यक्त करने का अहम स्थान बन गया है।

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