मिली जानकारी के मुताबिक धर्मशाला के मैकलॉडगंज में करीब 22 हजार तिब्बती शरणार्थी रहते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए यहां के करीब एक हजार तिब्बतियों ने पहले ही अपना पंजीकरण करा रखा है। इस पहल पर चिंता जताते हुए तिब्बती बस्तियों के नांगचेन डिविजन के प्रमुख बीर बिलिंग चिंतित हैं।बीर बिलिंग ने बताया कि, ‘हमारा एकमात्र उद्देश्य अपने देश को फिर से पाने के लिए संघर्ष करना है। यदि हम स्थानीय राजनीतिक व्यवस्था में शामिल होंगे तो इस बात की संभावना है कि हमारे लोगों का ध्यान मुख्य विषय से हट सकता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है लेकिन हम अपने मुख्य लक्ष्य से भटकने को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।’
मैकलॉडगंज में सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती के प्रमुख दावा रिनचेन ने कहा कि तिब्बती लोग इस मुद्दे पर दुविधा में हैं क्योंकि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने वोटर के रूप में पंजीकृत होने के लिए न तो किसी को कहा है और ना ही उन्हें प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि, ‘जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है, वे स्थानीय बिजनसमैन, स्कूल टीचर और दुकानदार हैं। वे अपने निजी कारणों से ऐसा कर रहे हैं।