मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरूग्रंथ साहब की हजूरी में मत्था टेकने पहुँचे गुरूद्वारा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरू ग्रंथ साहब की हजूरी में मत्था टेकने और आशीर्वाद लेने हमीदिया रोड स्थित गुरूनानकसर गुरूद्वारा पहुँचे। प्रदेशवासियों के कल्याण और प्रदेश के विकास के लिए गुरूश्री के चरणों में प्रार्थना की। उनके साथ महापौर श्री आलोक शर्मा भी मौजूद थे। श्री चौहान ने सिक्ख समुदाय को मुख्यमंत्री निवास में प्रकाश पर्व में शामिल होने का आमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि आगामी 12 नवम्बर को सायं 6.30 बजे मुख्यमंत्री निवास में प्रकाश पर्व का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुरूनानक जी अंधकार में प्रकाश के रूप में पधारे थे। ‘एक नूर से सब जग उपजा है’ भले ही इबादत और उपासना के तरीके अलग-अलग हों। सब एक है। यह बात यदि सब समझ लें तो सारे झगड़े-विवाद खत्म हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद साहब का 350वाँ वर्ष मनाया जा रहा हैं। इस अवसर पर तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत शीघ्र ही गुरूद्वारा पटनासाहब के लिए एक ट्रेन चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह महान गुरू और अदभुत योद्धा थे। उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनका त्याग, बलिदान से भरा अदभुत इतिहास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के सेवक के रूप में सबके कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। श्री चौहान ने ईश्वर से प्रार्थना की कि सबको सही राह दिखाए, सदबुद्धि और संमार्ग पर चलने की प्रेरणा दे। सब बेहतर से बेहतर कार्य करें। सब निरोगी हो, सबका मंगल और कल्याण हो।
मुख्यमंत्री को सिक्ख संगत की ओर से ज्ञानी श्री दिलीप सिंह ने शॉल, सरोपा और कृपाण भेंट किया। उन्होंने कहा कि कोई भी मजहब आपस में बैर रखना नहीं सिखाता है। अमृतसर अकालतख्त के जत्थेदार प्रो. गुरूबचन सिंह ने कहा कि प्रथम गुरू नानक देव किसी एक के नहीं है। वह सबके हैं, सबके दिलों में उनका सम्मान है।
इस अवसर पर रमेश शर्मा गुट्टू भईया, श्री विष्णु राठौर सहित बढ़ी संख्या में सिक्ख समुदाय के स्त्री पुरूष मौजूद थे।