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बेहतर पर्यटन सुविधाओं का साक्षी बना मध्यप्रदेश…

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मध्यप्रदेश में पर्यटकों को अधिक से अधिक संख्या में आमंत्रित करने के लिये पर्यटन निगम के माध्यम से अनुकरणीय प्रयास किये गये हैं। पर्यटन नीति और पृथक से पर्यटन केबिनेट का गठन कर इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश अब पर्यटन के क्षेत्र में पूरे देश में बेहतर सुविधाओं का साक्षी बन गया है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में प्रदेश के पर्यटन स्थलों को पोषित करने के लिए बजट में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं और सहूलियतों का विस्तार कराया है। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि लगातार 3 वर्ष से ‘बेस्ट टूरिज्म स्टेट’ का राष्ट्रीय अवार्ड हासिल करने वाला प्रदेश बन गया है मध्यप्रदेश। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने विज्ञान भवन में गरिमापूर्ण समारोह में यह अवार्ड प्रदान किए। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर प्रदेश को एक बार फिर एक साथ 10 नेशनल अवार्ड प्राप्त हुए।

नेशनल अवार्ड समारोह में मध्यप्रदेश में आयोजित ‘जल-महोत्सव हनुवंतिया को मोस्ट टूरिस्ट प्रोडक्ट’ और मध्यप्रदेश टूरिज्म को बेस्ट स्टेट फॉर एडवेंचर टूरिज्म, ‘चंदेरी को बेस्ट हेरिटेज सिटी’, खरगोन को सिविक मैनेजमेंट ऑफ टूरिज्म डेस्टिनेशन ऑफ इण्डिया, उज्जैन रेलवे स्टेशन को टूरिस्ट फ्रेण्डली रेलवे स्टेशन और इंग्लिश कॉफी टेबल बुक को एक्सिलेंस इन पब्लिसिंग का राष्ट्रीय अवार्ड मिला। प्रदेश को बेस्ट फिल्म प्रमोशन फ्रेण्डली स्टेट/यूनियन टेराटोरी में फिल्म प्रमोशन पॉलिसी का राष्ट्रीय अवार्ड भी प्राप्त हुआ। सिंहस्थ-2016 में मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्रोशर को एक्सिलेंस इन पब्लिसिंग इन हिन्दी ब्रोशर का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ। बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड का राष्ट्रीय पुरस्कार पचमढ़ी के श्री सईब खान को मिला।

मध्यप्रदेश पर्यटन को लगातार पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। पिछले वर्ष 5 और इसके पहले 6 राष्ट्रीय अवार्ड सहित अन्य अवार्ड प्राप्त हुए। अभी 25 अक्टूबर को प्रदेश के पर्यटन को एक और प्रतिष्ठित नेशनल अवार्ड प्राप्त हुआ। पर्यटन पर्व के दौरान विभिन्न गतिविधियों के आयोजन और सर्वश्रेष्ठ सहभागिता के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन का चयन किया गया।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन केबिनेट का गठन किया गया है। प्रदेश में टूरिज्म बोर्ड का भी गठन किया गया है। पर्यटन केबिनेट के अनुमोदन से पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन नीति-2016 जारी की गई। इसके पहले पर्यटन नीति-2012 एवं 2014 आस्तित्व में थी पर नीति में संशोधन कर नयी नीति को पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों के अनुकूल बनाया गया है। पर्यटन के क्षेत्र में निजी भागीदार भी सुनिश्चित की जा रही है। पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए लगभग 500 हेक्टेयर का ‘भूमि लैण्ड बैंक’ स्थापित किया गया है। निजी निवेशकों को हेरिटेज परि-सम्पत्तियों और मार्गसुविधा केन्द्रों के निवर्तन की सुविधा मुहैय्या कराने के लिये पूँजीगत अनुदान भी दिया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में 9 निवेशकों को भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिस पर तकरीबन 250 करोड़ रुपये की राशि के निवेश से पर्यटन की परियोजनाएँ स्थापित होंगी।

पर्यटन परियोजनाओं में पहले 13 गतिविधियाँ शामिल थीं, अब 18 गतिविधियाँ शामिल हैं। इसमें हेल्थ फार्म्स/वेलनेस सेंटर, म्यूजियम, एम्पोरियम, थीम पार्क, एडवेंचर स्पोर्ट्स, फिल्म स्टूडियो/शूटिंग अधोसंरचना, लाइट एण्ड साउण्ड-शो/लेजर-शो, कैरेवान एवं क्रूज टूरिज्म आदि नए क्षेत्र शामिल किए गए हैं। पूर्व में प्रचलित पर्यटन नीति में चयनित स्थलों पर अनुदान के स्थान पर अब पूरे प्रदेश में स्थापित परियोजनाओं को अनुदान की पात्रता में शामिल किया गया है। जल-पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 15 वॉटर बॉडी अधिसूचित की गई हैं। इसमें लैण्ड अलोकेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है। प्रदेश में वाइल्ड लाइफ सर्किट के लिए 92 करोड़ 21 लाख रुपए, हेरिटेज सर्किट के लिए 99 करोड़ 77 लाख रुपये, बुद्धिस्ट सर्किट के लिए 74 करोड़ 94 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।

मध्यप्रदेश में प्रकृति की सुन्दरता, वन क्षेत्र, हरियाली, नेशनल पार्क, वन्य जीवन और पर्यटन स्थलों ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से दो प्रमुख महाकालेश्वर उज्जैन और ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश में स्थित हैं। विश्व धरोहर श्रृंखला की तीन धरोहर- भीम बैठका, साँची और खजुराहो के साथ सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी, मांडू, महेश्वर, ओरछा, भेड़ाघाट, जबलपुर, चंदेरी, ग्वालियर जैसे अनेक पर्यटन स्थल पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं। हनुवंतिया में जल-महोत्सव का तीसरी बार आयोजन प्रमुख उपलब्धियों में शुमार हो गया है। गांधी सागर डेम पर विभिन्न पर्यटन सुविधाएँ विकसित करने का काम अंतिम दौर में है। मध्यप्रदेश में पर्यटन के जितने रंग बिखरे हैं, उतने किसी अन्य प्रदेश में शायद ही हों। यहाँ ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर और धार्मिक पर्यटन के ऐसे अनेक स्थान हैं जिनका पर्यटक लुफ्त उठाते हैं। पर्यटन स्थल सैलानियों को आल्हादित करते हैं।

पर्यटन विकास निगम के स्थापना दिवस पर निगम ने अपनी विकास यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामने करते हुए पर्यटन विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुरस्कृत किया है। चौकीदार, भृत्य, रसोइया को भी पुरस्कारों से नवाजा गया है क्योंकि पूरी टीम पुरस्कार की पात्रता की श्रेणी में शामिल की गई। पर्यटन निगम के 72 आवासीय एवं 6 गैर-आवासीय होटल संचालित हैं। निगम की होटलों को और अधिक सुविधाजनक बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। विदेशी पर्यटक भी काफी संख्या में प्रदेश में आने लगे हैं। प्रदेश में वर्ष 2016-17 में 15 करोड़ 5 लाख से अधिक पर्यटक प्रदेश के भ्रमण पर आए। इनमें 3 लाख 63 हजार विदेशी पर्यटक शामिल हैं।

पर्यटन विकास अब मध्यप्रदेश का ब्राण्ड बन गया है। पर्यटन निगम के ऑडियो-वीडियो की देश-विदेश में चर्चा होने लगी है। अब वह दिन दूर नहीं जब पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश विश्व के नक्शे पर साफ-साफ दिखने लगेगा।

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