मध्यप्रदेश की राजधानी में हुए गैंगरेप के बाद पुलिस महकमा बैकफुट पर है। जहां काम न करने वालो के ताबड़तोड़ तबादले कर दिए गए हैं तो वहीं थानों में मौजूद पुलिस अब सड़कों पर दिखाई देने लगी है। साथ ही सुनसान इलाकों में खड़े लोगों को भी सघन पूछताछ से गुजरना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश में अब तक व्यस्त सड़कों पर ही वाहन चैकिंग अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन अब पुलिस ने विशेष सतर्कता बरतते हुए सुनसान क्षेत्रों में भी नये चैकिंग पाइंट चिन्हित किये हैं, जहां सघन वाहन चैकिंग अभियान प्रारंभ किया गया है।शहर व्यस्त सड़कों के अलावा सुनसान स्थानों पर भी नये चेकिंग पाइंट चिन्हित किये गए हैं जहां रेलिंग लगाकर वाहन चेकिंग की जा रही है। इस दौरान नशा करके गाड़ी चलाने वालों और यातायात नियमों का पालन न करने वालों के विरूद्ध चालानी कार्रवाई भी की जा रही है।
दुर्घटना संभावित सड़कों और सुनसान इलाकों में वाहन चेकिंग के लिए तय किये गए नए पाइंट पर भी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस के द्वारा वाहन चेकिंग अभियान जारी रखे जाने से सड़कों पर नियम विरूद्ध तरीके से गाड़ियां दौड़ाने वाले चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। वाहन चेकिंग अभियान दिन के साथ ही रात में भी चलाया जा रहा है।
इस दौरान नशा करके गाड़ियां चलाने वाले, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी के पेपर एवं बिना हेलमेट या बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने वालों की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि शहर में वाहन चेकिंग अभियान को चलाने से आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगा रहता है।वाहन चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस के द्वारा ट्रिपल लोडिंग, नशा करके गाड़ी चलाने वाले या बिना हेलमेट वाले बाइक चालकों के ऊपर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
वाहन चेकिंग का नाम सुनते ही मोटरसाइकिल सवार दूसरे रास्ते बदल ले रहे थे। कई बार वाहन चेकिंग अभियान के दौरान ही चोरी की बाइक सहित हथियार के साथ बदमाश को पकड़ने में कामयाबी मिली है। अभियान के चलते इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि नियम अनुसार गाड़ी चलाने वाले वाहन चालक परेशान न हो।