हर महीने दो बार पड़ने वाली चतुर्थी में एक संकष्टी चतुर्थी और दूसरी वैनायकी चतुर्थी होती है। कृष्ण्ा पक्ष की चतु्र्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है तो वहीं, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी चतुर्थी कहा जाता है। वहीं, जब यह चतुर्थी मंगलवार को आती है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहते हैं। यह चतुर्थी आज यानि की 7 नवंबर को है। आज ही संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का संधि विच्छेद किए जाने पर संकष्टी का मतलब संकटों को दूर करने वाला और चतुर्थी का अर्थ चांद्र मास के किसी पक्ष की चौथी तिथि होता है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करना लाभदायक होता है।
मान्यताओं के अनुसार, लोगों को संकष्टी चतुर्थी के दिन चांद को देखकर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इससे सभी तरह की इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। वहीं, कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज में डूबा हुआ है तो बस कुछ उपाय करके वह इससे उबर सकता है। जानिए कर्ज से निजात पाने के लिए लोगों को कौन से उपाय करने चाहिए:
– एक केले का पत्ता लीजिए। अगर केले का पत्ता नहीं मिल रहा है तो थाली भी ले सकते हैं। अब उसमें रोली से त्रिकोण बनाएं और आगे वाले कोण पर दीपक रखें। इसके अलावा बीच में मसूर की दाल व लाल मिर्च रखें। इसके साथ ही ‘अग्ने सखस्य बोधि नः’ मंत्र का जाप करें। अगली स्लाइड में जानिए पूजन विधि और पूजा करने का शुभ मुहूर्त:
आज के दिन गणेश भगवान की पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले गौघृत में सिंदूर मिलाएं और भगवान के सामने दीपक जलाएं। इसके अलावा गेंदा के फूल व गुड़ का भोग भी लगा सकते हैं।
आज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त तब है, जब चंद्रमा का उदय होता है। समय के हिसाब से शाम 6 बजे से लेकर 7 बजे तक पूजा करने से लाभ मिलेगा। भक्तों की जो भी मनोकामनाएं हैं वो पूरी हो जाएंगी।