6 नवम्बर को भगवानगिरी नगर के रहने वाले अनिल जैन को उनके भंवरकुआ इलाके में होस्टल का निर्माण कर रहे ठेकेदार दिलीप यादव ने टाइल्स लेने के बहाने 3 इमली चौराहे पर बुलाया था। यहां से वह जैन को आजाद नगर थाना क्षेत्र के पवनपुरी कॉलोनी के सुनसान इलाके में लेकर चला गया। वहा पहले से ही मौजूद दिलीप के दो साथियों भागचंद और कमलेश ने अनिल जैन के कार से उतरते ही सब्बल से सिर पर हमला कर दिया।
मौके पर ही जैन की हत्या करने के बाद तीनों आरोपी उसके शव को उनकी ही कार की डिक्की में डालकर सनावद के गणेशपूरी के सुनसान इलाके में ले गए। यहां डीजल डालकर तीनों बदमाशों ने उनकी कार को आग लगा दी, जिसमें अनिल जैन का शव बुरी तरह से जलकर खाक हो गया। घटना की जानकारी लगने के बाद परिजनों से पूछताछ के आधार पर इंदौर की भंवरकुआ पुलिस ने दिलीप को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की थी।
सनावद थाना प्रभारी राजेश सिंह बघेल ने बताया कि इस पूछताछ में दिलीप ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसके कबूलनामे के आधार पर भंवरकुआ पुलिस ने उसके दोनों साथियों को भी गिरफ्तार कर हमारे सुपुर्द किया है। दिलीप को अपने काम के 40 हजार रूपये अनिल जैन से लेना थे, लेकिन काम पूरा नहीं होने की वजह से जैन ने उसे पेमेंट नहीं किया था। इसी बात को लेकर दिलीप ने जैन की हत्या कर शव को शहर के 200 किलोमीटर दूर ठिकाने लगा दिया।
इस मामले में पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई थी। कार जलने की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड आग बुझाकर चली गयी थी, उन्होंने कार की डिक्की भी चेक नहीं की थी। 24 घंटों बाद उनका शव कार की डिक्की से बरामद किया जा सका था। यही नहीं उनकी गुमशुदगी लिखवाने आये परिजनों की शिकायत भी 8 घंटे बाद दर्ज की गयी थी।