दरअसल, डायल 100 को प्रभावी सेवा के तौर पर पुलिस विभाग में देखा जाता हैं। सबसे पहले यह सेवा मध्यप्रदेश में शुरु हुई थी, बाद में कई दूसरे राज्यों में इसी तर्ज पर यह सेवा शुरु की गई हैं। विभाग के अधिकारियों की माने तो आम तौर पर लोगों की पुलिस से दो तरह की शिकायतें रहती हैं। पहली तो थानों पर पुलिस अधिकारियों से फोन पर बात नहीं हो पाती वहीं दूसरा पुलिस सूचना देने के बाद भी समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचती।
डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया की इस सेवा के शुरु होने के बाद कुछ हद तक इस तरह की शिकायतें कम हो गई हैं। प्रभावशाली सेवा होने के कारण लगातार इसकी निगरानी की जाती हैं। डायल 100 पर तैनात रहने वाले कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाती हैं। हाल ही में भंवरकुआं थाना क्षेत्र के आनंद नगर इलाके में देर रात घर में घूसकर बदमाशों ने बुजुर्ग महिला को हथियार की नोक पर बंधक बनाकर घर में लूट की वारदात को अंजाम दिया था।सूचना देने के करीब 5 घंटे बाद डायल 100 वाले पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे। जबकि पुलिस कंट्रोल रुम ने सूचना मिलते ही थाने और डायल 100 को सूचना दे दी थी। लापरवाही पाए जाने पर दो पुलिसकर्मी को लाइन अटैच कर दिया गया हैं। वहीं थाना प्रभारी और एचसीएम को शोकॉज नोटिस जारी किया गया हैं।