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सियासी ‘दंगल’ में साथ छोड़ने वालों से कांग्रेस ने छुड़ाया ‘हाथ’, 34 नेताओं पर की कार्रवाई….

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सीएम वीरभद्र सिंह और पीसीसी चीफ सुखविंदर सिंह सुक्खु में चुनाव के काफी पहले से ही खींचतान हो रही थी जो पिछले कुछ महीनों में खुल के सामने आती रही, हालांकि चुनाव के कुछ दिन पहले वीरभद्र सिंह को चुनाव की कमान देने के बाद इसमें थोड़ी कमी जरूर आई। पीसीसी और सीएम के बीच मतभेदों के बीच शुरू हुआ बागियों से निपटने का दौर, जिसके बाद कांग्रेस के कई सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखाया गया।कभी टिकट को लेकर खींचतान तो कभी बागी सुर, निष्कासन के लिए कई कारण बताए गए। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कांग्रेस ने पिछले 15-20 दिनों में ही 30 से ज्यादा सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखाया है।
29 अक्टूबर को 7 सदस्य निष्कासित
हिमाचल प्रदेश में बागियों को मनाने में नाकाम रही कांग्रेस पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 28-29 अक्टूबर को करीब आधा दर्जन से ज्यादा बागियों को पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया जिनमें तीन वीरभद्र सिंह के समर्थक भी थे। इस सदस्यों में शिमला शहरी से हरीश जनारथा, नालागढ़ से हरदीप वाबा, द्रंग से पूर्ण चंद ठाकुर, रामपुर से पूर्व मंत्री सिंघी राम, पालमपुर से बैनी प्रसाद, शाहपुर से पूर्व मंत्री विजय सिंह मनकोटिया, लाहौल स्पीति से राजेंदर कारपा का नाम शामिल था।
30 अक्टूबर को 3 सदस्य निष्कासित
बीते दिन सात सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद कांग्रेस ने फिर से तीन नेताओं पर गाज गिराई जिसमें ऊना सदर से राजीव गौतम, कुटलैहड़ से शिव हरिपाल और पच्छाद से रतन पाल का नाम शामिल रहा। कांग्रेस कमेटी ने इन तीनों नेताओं को चुनाव से हटने के लिए कहा था लेकिन इन नेताओं ने पार्टी के आदेश को न मानते हुए नामांकन वापस नहीं लिया। जिस पर कांग्रेस ने नेताओं पर कार्रवाई करते उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
6 नवंबर को 6 सदस्य निष्कासित
हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत करने और पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ काम करने वालों पर कांग्रेस ने फिर से कार्रवाई करते हुए प्रताप सिंह राणा विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी, विजेंद्र कुमार धीमान विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी, हरीश कपूर विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी, नरेश कुमार विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी, योगराज विधानसभा क्षेत्र सरकाघाट, गगनदीप पराशर विधानसभा क्षेत्र जसवां को पार्टी से निष्कासित कर दिया।बता दें कि ये वो नेता थे जो कांग्रेस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने व कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने पर ब्लॉक व जिला कांग्रेस कमेटी तथा कांग्रेस प्रत्याशी के अनुमोधन पर कांग्रेस पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया।
10 नवंबर को 3 सदस्य निष्कासित
9 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में शिमला शहरी कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ कार्य करने पर कांग्रेस ने तीन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। जिला कांग्रेस कमेटी शिमला शहरी ने नगर निगम पार्षद अर्चना धवन, पार्षद इंद्रजीत सिंह और पूर्व पार्षद और कार्यकारणी सदस्य अशोक सूद को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया है।
11 नवंबर को 15 सदस्य निष्कासित
विधानसभा चुनाव को सम्पन्न होने के दो दिन बाद भी कांग्रेस पूरे फॉर्म में नजर आई और पार्टी ने विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला से दिग्विजय पूरी, बलदेव चौधरी, अरविंद गुप्ता, अरूण बिष्ट, रजनीश पधा, दुग्रेश नंदनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, सुमीत शर्मा विधानसभा क्षेत्र कुटलेहर, रणबीर राणा विधानसभा क्षेत्र कुटलेहर, संजीव सैनी विधानसभा क्षेत्र कुटलेहर को भी निष्कासित कर दिया गया।

वहीं, हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से कमल पठानिया, सुरेंद्र पाल ठाकुर विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर, बिमला चौहान विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर, केहर सिंह विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर, रविंदर पाल विधानसभा क्षेत्र जोगिंद्रनगर को भी पार्टी से बाहर निकाल दिया गया।

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