भारतीय ज्योतिष में ज्योतिष की ददो परंपरायें मानी जाती हैं। जिनमें से उत्तर भारतीय ज्योतिष परंपरा को निरयन कहते हैं और दक्षिण भरतीय परंपरा सायन ज्योतिष कहलाती है। इसके आधर पर दो कुंडली बनती हैं जिसमें से दूसरी कुंडली सायन ज्योतिष से बनती है जिसके अनुसार सूर्य आज 08/43 पर धनु राशि में प्रवेश कर गया है।
विशाखा नक्षत्र का योग
खास बात ये है कि इस स्थिती में एक विशेष योग बन रहा है। आज ही सूर्य के प्रवेश के साथ साथ मंगल भी इस समय विशाखा नक्षत्र में उपस्थित है। वहीं गुरू भी तुला राशि के साथ विशाखा नक्षत्र में कल यानि 21 तारीख को प्रविष्ठ हो चुका है। ये पंडित दीपक त्रिपाठी के अनुसार ये अदभुद स्थिति है। क्योंकि इसका असर देश की परिस्थितियों पर पड़ेगा।
कैसा है ये प्रभाव
पंडित जी कहते हैं कि ये योग देश के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि सूर्य और मंगल दोनों गरम ग्रह हैं जबकि गुरू धर्म का ग्रह है और शीतल है। इन तीनों का विशाखा नक्षत्र में एक साथ होना भारत के लिए चुनौती भरा हो सकता है। ऐसे में सोचा जा सकता है कि क्या इसका असर चुनावों पर भी होगा