पिछले साल सुनाह और लेह गांव के करीब 12 किसान परिवार जोड़े गये थे। सुनाह के 7 और लेह गांव के इन 5 परिवारों समेत इन दो चयनित क्लस्टर में करीब 650 अति विकसित फल पौध का वितरण किया गया था। इनमें शामिल लेह गांव के चमन ठाकुर ने बताया कि सेब की बेहतर किस्म और प्रति हेक्टयर ज्यादा पैदावर देने वाले इन इंपरूवड वेरायटी के प्रति ग्रामीण बागवानों का रुझान बढ़ने लगा है। वो खुद पिछले साल इस परियोजना से जुड़े थे और अब तक सेब पैदावार से अछूते रहे। उनके इन इलाकों मे नए बगीचों के लगने की आपार संभावना है।
शिमला से आये परियोजना के विशेषज्ञों के दल ने बागवानी अधिकारियों की कार्यशाला के बाद इन गांवों का दौरा किया। मंडी के इन तीनों गांवों में हाईटेक बागवानी से जुड़ने के पीछे किसानों को जल्द और ज़्यादा पैदावार पाने के साथ बेहतर आय का जरिया बनने की सोच आकर्षित कर रही है।हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग के प्रधान सचिव जगदीश चंद शर्मा ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य भी यही है कि प्रदेश के छोटे और मंझले किसानों के साथ, खास तौर पर महिला बागबानों तक हाई टेक बागवानी की पहुंच आसान हो।
शर्मा ने कहा कि इस परियोजना के जरिये न केवल फल बागबानों को बेहतर किस्म की ज़्यादा पैदावार मिलेगी बल्कि परियोजना में फल पैदावार से लेकर विकसित बाजार बिक्री तक पहुंचाने की कई लाभदायी योजनायें हैं।