संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के हमले में घिरी मोदी सरकार 15 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच सत्र चला सकती है. सूत्रों का कहना है कि करीब-करीब सरकार ने 15 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच संसद का सत्र चलाने का फैसला कर लिया है.
संसद के शीतकालीन सत्र पर कांग्रेस लगातार हमलावर थी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ ही पार्टी के दूसरे कई बड़े नेताओं ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया था और कहा था कि मोदी सरकार में संसद का सामना करने की हिम्मत नहीं है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जानबूझ कर संसद के शीत सत्र में देरी करने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस के लगातार हमले से बचाव के लिए मोदी सरकार को अपने मंत्री मैदान में उतारने पड़े. कांग्रेस का पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया कि चुनाव की वजह से सत्र में देरी हो रही है.
आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा के चुनाव होने रहे हैं और 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में पोलिंग होनी है. 18 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव के नतीजे आएंगे.
सरकार का बचाव करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में होगा और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था, ”ससंद की गरिमा के प्रति कांग्रेस के बढ़ते प्रेम को देखकर आश्चर्य हो रहा है. हम कांग्रेस से जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी संसद में रहते कितना हैं?.”