इस मामले में पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन विजयवर्गीय, डायरेक्टर अंबरीश शर्मा, मेडिकल डायरेक्टर डॉ अशोक नागनाथ, डॉ विजय कुमार पांडे के अलावा चिरायु मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन अजय गोयनका, एलएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े डी के सत्पथी, मेडिकल एजुकेशन एम एन श्रीवास्तव सहित 20 लोंगो ने अग्रिम जमानत याचिका लगायी थी।
इन सभी की जमानत याचिकाओं पर रात करीब दो बजे तक सुनवाई चली। न्यायाधीश डीपी मिश्रा ने इसे मेहनतकश विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए जमानत याचिकाएं खारिज कर दी। इस मामले में कोर्ट में पेश होने वाले 15 आरोपियों की जमानत याचिकाएं मंजूर की गयी हैं।
हालांकि जिन लोगों की जमानत याचिका खारिज हो गयी है, वो अब हाइकोर्ट में जमानत याचिका लगा सकते हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट 30 नवम्बर तक कोर्ट में जमा करने के लिए कहा है। क्योंकि रसूखदार आरोपी विदेश भाग सकते हैं। खास बात ये है कि इस मामले में जो 245 नए आरोपी सामने आए हैं। उसने सीबीआई के पहले मामले की जांच कर रही एसटीएफ की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्योंकि एसटीएफ ने ज्यादातर रसूखदार आरोपियों को बख्श दिया था।