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धर्मांतरण विवाद में पादरी पर हमला, थाने के बाहर खड़ी कार में लगाई आग….

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हिंदूवादी संगठन से जुड़े दर्जनों युवकों ने गुरूवार की रात क्रिसमस की तैयारी कर रहे पादरियों पर हमला बोल दिया। हमला करने वाले लोग पादरी पर लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगा रहे थे। हंगामा कर रहे लोगों ने चर्च में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ पादरी की कार को भी आग के हवाले कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने धर्मांतरण करवाने के आरोपी पादरी को हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें जमानत मिल गई। इस हमले की तमाम राजनीतिक पार्टियों ने तालिबानी संस्कृति का प्रतीक करार देते हुए निंदा की है।
इसाई समुदाय के फादर रोनी वर्गीज ने बताया कि शहर से 15 किलोमीटर दूर दराकलां गांव में स्थित चर्च में पादरी बनने का प्रशिक्षण लेने आए छात्र क्रिसमस की तैयारी में जुटे थे और इसी क्रम में जगह-जगह क्रिसमस कैरोल गाए जा रहे थे और नाटक का मंचन किया जा रहा था। क्रिसमस की तैयारियों के अंतिम दिन गुरुवार को कुछ युवक आए और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे।

एक इसाई पादरी के मुताबिक हिंदूवादी संगठने के युवाओं ने हंगामा करते हुए पहले नारे लगाए और फिर पूरे मामले की सूचना स्थानीय थाने को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस दो फादरों के साथ-साथ 32 छात्रों को गिरफ्तार करके थाने ले गई। इस पूरे मामले की जानकारी लेने आठ फादर थाने गए तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। इतना ही नहीं हंगामा कर रहे लोगों ने थाना परिसर में भी पुलिस की मौजूदगी के दौरान फादरों और छात्रों के साथ मारपीट की साथ ही थाने के बाहर खड़ी फादर की कार को आग के हवाले कर दिया।

चर्च की तरफ से बताया गया कि इस कार्यक्रम में सिर्फ क्रिसमस की तौयारी की जा रही थी। धर्मांतरण जैसा कोई प्रोग्राम नहीं था। जबकि नगर पुलिस अधीक्षक डीडी पांडे ने बताया कि धर्मेंद्र दोहड़ नाम के एक युवक ने यह शिकायत दर्ज करवाई है कि उसको धर्म बदलने के लिए पहले पांच हजार रुपए दिए गए, फिर तालाब में स्नान करवाया गया। शिकायत के मुताबित उसका नाम बदलकर धर्मेंद्र थॉमस कर दिया गया और कहा गया कि अब वो प्रभु यीशु की पूजा करें। थाने के बाहर फादर की कार जलाए जाने के मामले में पांडे का कहना है कि यह घटना शिक्षाधिकारी कार्यालय के बाहर की है। पुलिस ने इस घटना पर भी मामला दर्ज कर लिया है।

भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने सफाई दी कि सतना की घटना के पीछे आपसी विवाद भी हो सकता है। भाजपा और उससे जुड़े संगठनों का कभी भी इस तरह की घटनाओं से वास्ता नहीं रहा है। भाजपा हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से संवाद करती है। पिछले मामलों में भी भाजपा व अन्य संगठनों पर आरोप लगे, मगर जांच में कुछ और आया। यह घटना भी वैसी ही कुछ निकलेगी।

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